10+ गया में घूमने की जगह – Gaya Tourist Places

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Gaya Tourist Places :- गया, बिहार का एक प्राचीन शहर है जो अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह शहर हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। गया फाल्गु नदी के तट पर स्थित है एवं मंगला-गौरी, श्रृंग-स्थान, राम-शिला एवं ब्रह्मयोनी पर्वत से घिरा एक खूबसूरत शहर है |

गया में घूमने की जगह – Visit Places in Gaya, Bihar

Tour Guide

हेल्लो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको गया में घुमने की जगह के बारे में बताएँगे | यह बिहार का प्रमुख पर्यटन स्थल है और काफी एतेहासिक भी है तो हम आज आपको गया में घुमने के लिए प्रमुख स्थान कौन कौन है और उनके बारे में क्या खास है के बारे में बताएँगे | तो चलिए जानते हैं गया में घुमने की जगह तो अंत तक इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़े :-

बुद्ध प्रतिमा -The Great Buddha Statue, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

गया में कई बौद्ध स्थल हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध है गया की बुद्ध प्रतिमा। यह प्रतिमा 25 मीटर ऊंची है और यह महाबोधि मंदिर के पास स्थित है।गया की बुद्ध प्रतिमा बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह प्रतिमा बौद्धों को भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं की याद दिलाती है। प्रतिमा दुनिया भर के बौद्धों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। प्रतिमा का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। प्रतिमा को बनाने में लगभग 10 साल लगे। प्रतिमा का उद्घाटन 1987 में जापानी सम्राट और भारत के राष्ट्रपति ने किया था।

बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर – Baba Koteshwar Nath Temple, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

गया, बिहार में स्थित बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर मोरहर नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। मंदिर में भगवान शिव की एक बड़ी प्रतिमा है, जिसे सहस्त्रलिंगी महादेव के नाम से भी जाना जाता है। प्रतिमा 1008 छोटे-छोटे शिवलिंगों से बनी है।बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर का वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के बाहरी हिस्से में कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं। बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर गया शहर के केंद्र से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है।

महाबोधि मंदिर – Mahabodhi Temple, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

महाबोधि मंदिर, बिहार के गया शहर में स्थित एक बौद्ध मंदिर है। यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां भगवान बुद्ध ने 588 ईसा पूर्व में ज्ञान प्राप्त किया था। महाबोधि मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।महाबोधि मंदिर का वास्तुकला बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की एक प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के बाहरी हिस्से में कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं। महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर दुनिया भर के बौद्धों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। मंदिर में हर साल लाखों बौद्ध श्रद्धालु आते हैं।

विष्णुपद मंदिर – Vishnupad Temple, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

विष्णुपद मंदिर, बिहार के गया शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर फल्गु नदी के किनारे स्थित है। मंदिर में भगवान विष्णु के पदचिह्न हैं, जिनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि ये पदचिह्न भगवान विष्णु के हैं, जिन्होंने यहां गयासुर नामक राक्षस का वध किया था। विष्णुपद मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी में रानी अहिल्याबाई होलकर ने की थी। विष्णुपद मंदिर का वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु के पदचिह्न हैं। मंदिर के बाहरी हिस्से में कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं। विष्णुपद मंदिर गया शहर के केंद्र से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है।

दुग्नेश्वरी गुफा मंदिर – Dugneshwari Cave Temple, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

दुग्नेश्वरी गुफा मंदिर, बिहार के गया शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर फल्गु नदी के किनारे स्थित है। मंदिर में माता दुर्गा की एक प्रतिमा है, जो एक हाथ में दूध का एक कटोरा लिए हुए हैं। माना जाता है कि माता दुर्गा ने इस दूध से भगवान शिव को तृप्त किया था। दुग्नेश्वरी गुफा मंदिर की स्थापना 12वीं शताब्दी में हुई थी। मंदिर का निर्माण राजा हरिश्चंद्र ने किया था। दुग्नेश्वरी गुफा मंदिर का वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है। दुग्नेश्वरी गुफा मंदिर गया शहर के केंद्र से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है।

माँ मंगला गौरी मंदिर – Maa Mangala Gauri Temple, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

माँ मंगला गौरी मंदिर, बिहार के गया शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भस्मकूट पर्वत पर स्थित है। मंदिर में माता पार्वती की एक प्रतिमा है, जिन्हें मंगला गौरी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि माता पार्वती के स्तन का एक टुकड़ा इस स्थान पर गिरा था। माँ मंगला गौरी मंदिर की स्थापना 15वीं शताब्दी में हुई थी। मंदिर का निर्माण राजा भोज ने किया था।यह मंदिर सुहागिन महिलाओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। महिलाएं इस मंदिर में मंगला गौरी की पूजा करती हैं और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। माँ मंगला गौरी मंदिर का वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के बाहरी हिस्से में कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं।

मुचालिंदा सरोवर – Muchalinda Lake, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

मुचालिंदा सरोवर, बिहार के गया शहर में स्थित एक छोटा सा तालाब है। यह तालाब फल्गु नदी के किनारे स्थित है। मुचालिंदा सरोवर का धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद लगातार छठा सप्ताह ध्यान में बिताया था। उस समय एक तेज आंधी बारिश आई थी और बुद्ध को भीगते हुए देखकर, झील के सर्प राजा मुचलिंदा अपने निवास से बाहर आए और बारिश से बुद्ध की रक्षा की। मुचालिंदा सरोवर को लोटस पॉन्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसमें ध्यान की स्थिति में भगवान बुद्ध की एक मूर्ति स्थापित की गयी है जो उसी दृश्य को दर्शाती है। इसके अलावा, झील में कई मछलियाँ हैं जिन्हें यहाँ आने वाले पर्यटक मुरमुरे खिलाते है।

सीता कुंड – Sita Kund, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

सीता कुंड, बिहार के गया जिले में स्थित एक पवित्र तालाब है। यह तालाब फल्गु नदी के किनारे स्थित है। सीता कुंड का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान अपने पत्नी सीता को इसी कुंड में स्नान करवाया था। सीता कुंड का उल्लेख रामायण में भी मिलता है। सीता कुंड एक आयताकार कुंड है। कुंड के चारों ओर एक दीवार है। कुंड के किनारे कई मंदिर और घाट हैं।

शाही भूटान मठ – Royal Bhutan Monastery, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

शाही भूटान मठ, गया, बिहार में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह मठ फल्गु नदी के किनारे स्थित है। मठ में भगवान बुद्ध की एक बड़ी प्रतिमा है, जिसे शाही बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है। प्रतिमा 6 फीट ऊंची है और इसे सफेद संगमरमर से बनाया गया है।शाही भूटान मठ की स्थापना 1967 में भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक ने की थी। शाही भूटान मठ बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह मठ दुनिया भर के बौद्धों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। मठ में हर साल लाखों बौद्ध श्रद्धालु आते हैं।

वट थाई – Wat Thai, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

वट थाई, गया, बिहार में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह मठ महाबोधि मंदिर से सटे हुए स्थित है। मठ में भगवान बुद्ध की एक बड़ी प्रतिमा है, जिसे वट थाई बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है। प्रतिमा 10 फीट ऊंची है और इसे तांबे से बनाया गया है। वट थाई मठ की स्थापना 1956 में थाईलैंड के राजा भोमोल अदुल्यादेज ने की थी। वट थाई मठ का वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मठ का निर्माण थाई वास्तुकला के अनुरूप किया गया है। मठ के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है।

बराबर गुफा – Barabar Caves, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

बराबर गुफा, बिहार के गया जिले में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। ये गुफाएँ चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं और ये दुनिया की सबसे पुरानी चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाओं में से एक हैं। बराबर गुफाएँ मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) के दौरान बनाई गई थीं और इन्हें आजीविक भिक्षुओं को समर्पित किया गया था।बराबर गुफाओं का निर्माण मौर्य सम्राट अशोक ने करवाया था। बराबर गुफाएँ दो पहाड़ियों, बराबर और नागार्जुनी पर स्थित हैं। बराबर में चार गुफाएँ हैं, जबकि नागार्जुनी में तीन गुफाएँ हैं। बराबर गुफाओं में एक बड़ा आयताकार हॉल है, जिसके एक तरफ एक छोटा, गोलाकार कक्ष है। गोलाकार कक्ष को पूजा के लिए उपयोग किया जाता था। नागार्जुनी गुफाओं में दो आयताकार हॉल हैं।

ब्रह्मयोनि पहाड़ी – Brahmayoni Hill, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

ब्रह्मयोनि पहाड़ी, बिहार के गया जिले में स्थित एक पहाड़ी है। यह पहाड़ी फल्गु नदी के किनारे स्थित है। ब्रह्मयोनि पहाड़ी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि भगवान शिव ने देवी पार्वती को इसी पहाड़ी पर दर्शन दिए थे। ब्रह्मयोनि पहाड़ी का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जिनमें महाभारत और रामायण भी शामिल हैं। पहाड़ी की चोटी पर एक मंदिर है, जिसमें भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है। पहाड़ी के आसपास कई कुंड हैं, जिनमें स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं यह पहाड़ी शिव भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। श्रद्धालु इस पहाड़ी पर आते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। ब्रह्मयोनि पहाड़ी गया शहर के केंद्र से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है।

रामशिला – Ramshila, Gaya

गया में घुमने की जगह (gaya me ghumne ki jagah)

रामशिला, बिहार के गया जिले में स्थित एक पहाड़ी है। यह पहाड़ी फल्गु नदी के किनारे स्थित है। रामशिला का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि भगवान राम ने अपने पूर्वजों का पिंड-दान इसी पहाड़ी पर किया था। रामशिला पहाड़ी का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था। माना जाता है कि भगवान राम ने अपने पूर्वजों का पिंड-दान इसी पहाड़ी पर किया था। रामशिला का उल्लेख रामायण में भी मिलता है। रामशिला पहाड़ी पर एक मंदिर है, जिसमें भगवान राम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण की प्रतिमाएं स्थापित हैं। पहाड़ी के आसपास कई घाट हैं, जिनमें श्रद्धालु स्नान करते हैं। रामशिला पहाड़ी गया शहर के केंद्र से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) :-

गया का फेमस चीज क्या है?

गया का सबसे फेमस चीज है महाबोधि मंदिर। यह मंदिर बौद्ध धर्म के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने यहीं पर बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। महाबोधि मंदिर एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।

गया घूमने के लिए कितने दिन चाहिए?

गया घूमने के लिए कम से कम दो दिन चाहिए। दो दिनों में आप गया के प्रमुख दर्शनीय स्थलों को देख सकते हैं। यदि आप केवल महाबोधि मंदिर और बोधि वृक्ष को देखना चाहते हैं, तो एक दिन भी पर्याप्त है। लेकिन यदि आप गया के अन्य दर्शनीय स्थलों को भी देखना चाहते हैं, तो दो दिन का समय पर्याप्त है।

गया पवित्र क्यों है?

गया पवित्र है क्योंकि यह हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। हिंदू धर्म में, गया को पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध करने के लिए सबसे अच्छा स्थान माना जाता है। माना जाता है कि यहां पिंडदान करने से मृत पूर्वजों को मोक्ष मिलता है। गया में कई पवित्र कुंड हैं, जिनमें स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

गया में पिंडदान करने में कितना खर्च आता है?

गया में पिंडदान करने में औसतन 5,000 से 10,000 रुपये का खर्च आता है। लेकिन यह खर्च आपके बजट और आवश्यकताओं के अनुसार कम या अधिक हो सकता है।

गया में कितने मंदिर हैं?

गया में सैकड़ों मंदिर हैं। गया हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इन तीनों धर्मों के कई मंदिर गया में स्थित हैं।

बोधगया में घूमने की जगह

बोधगया में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थान हैं: महाबोधि मंदिर, बोधि वृक्ष, विष्णुपद मंदिर, रामशिला पहाड़ी, ब्रह्मयोनि पहाड़ी, सीता कुंड इत्यादि |

गया में पिंडदान कहां होता है

गया में पिंडदान मुख्य रूप से तीन स्थानों पर किया जाता है: फल्गु नदी, विष्णुपद मंदिर, रामशिला पहाड़ी इत्यादि |

निष्कर्ष (Discloser):

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को गया में घूमने की जगह (gaya Me Ghumne ki Jagah) (tourist places in gaya) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |

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नोट: यह ब्लॉग पोस्ट गया के प्रति मेरी आत्मीय भावनाओं का प्रतिबिंब है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है।