एलोरा गुफाएं घूमने की सम्पूर्ण जानकारी – Ellora Caves in India
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एलोरा की गुफाएं (Ellora Caves)– भारत की एक विश्व धरोहर, भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित ऐलोरा की गुफाएं, विश्व की सबसे महत्वपूर्ण और विशालतम गुफाओं में से एक हैं। इन गुफाओं को 600 से 1000 ईस्वी के बीच चट्टानों को काटकर बनाया गया था। तो अगर आप एलोरा की गुफाओं को घूमने जाने वाले हैं या घूमने का प्लान बना रहें है तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए काफी जरुरी है इसे पुरा अंत तक पढ़े | यह आपकी यात्रा में सहायता प्रदान करेगा |
एलोरा की गुफाएं का परिचय – Introduction about Ellora Caves
एलोरा की गुफा एतेहासिक स्थल है ये अपने आप में एक अद्भुत कलाकारी का नमूना है | इसके एतेहासिक एवं कलाकारी और नक्काशी का अच्छा उदहारण के लिए इसे विश्व धरोहर के रूप में जाना जाता है | ऐलोरा की गुफाएं तीन समूहों में विभाजित हैं: बौद्ध, हिंदू और जैन।
Tour Guide
बौद्ध गुफाएं – Buddhist caves in Ellora
ऐलोरा की गुफाओं में सबसे अधिक बौद्ध गुफाएं हैं। इन गुफाओं में बुद्ध, बोधिसत्व और अन्य बौद्ध देवताओं की मूर्तियां और चित्रण हैं। इन गुफाओं में से कुछ सबसे प्रसिद्ध गुफाएं हैं:
- गुफा 1: यह गुफा एक स्तूप है जो 7वीं शताब्दी का है।
- गुफा 2: यह गुफा एक स्तूप और एक मठ है जो 8वीं शताब्दी का है।
- गुफा 12: यह गुफा एक स्तूप और एक मठ है जो 9वीं शताब्दी का है।
इन गुफाओं में बुद्ध के जीवन और उपदेशों के चित्रण हैं। इन गुफाओं में बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और मोक्ष प्राप्ति के दृश्यों को देखा जा सकता है। इन गुफाओं में बुद्ध के शिष्यों और अनुयायियों की मूर्तियां भी हैं।
हिंदू गुफाएं – Hindu caves in Ellora
ऐलोरा की गुफाओं में हिंदू गुफाएं भी हैं। इन गुफाओं में हिंदू देवताओं और देवी-देवताओं की मूर्तियां और चित्रण हैं। इन गुफाओं में से कुछ सबसे प्रसिद्ध गुफाएं हैं:
- गुफा 14: यह गुफा एक मंदिर है जो 7वीं शताब्दी का है।
- गुफा 16: यह गुफा एक मंदिर है जो 8वीं शताब्दी का है।
- गुफा 17: यह गुफा एक मंदिर है जो 9वीं शताब्दी का है।
इन गुफाओं में भगवान शिव, विष्णु, ब्रह्मा, दुर्गा, पार्वती और अन्य हिंदू देवताओं की मूर्तियां हैं। इन गुफाओं में हिंदू धर्म के विभिन्न धार्मिक और पौराणिक विषयों के चित्रण भी हैं।
जैन गुफाएं – Jain caves in Ellora
ऐलोरा की गुफाओं में जैन गुफाएं भी हैं। इन गुफाओं में जैन धर्म के तीर्थंकरों की मूर्तियां और चित्रण हैं। इन गुफाओं में से कुछ सबसे प्रसिद्ध गुफाएं हैं:
- गुफा 32: यह गुफा एक मंदिर है जो 8वीं शताब्दी का है।
- गुफा 34: यह गुफा एक मंदिर है जो 9वीं शताब्दी का है।
- गुफा 35: यह गुफा एक मंदिर है जो 10वीं शताब्दी का है।
इन गुफाओं में जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों की मूर्तियां हैं। इन गुफाओं में जैन धर्म के विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक विषयों के चित्रण भी हैं।
ऐलोरा की गुफाएं का महत्व – Importance of Ellora Caves
ऐलोरा की गुफाएं भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये गुफाएं भारतीय संस्कृति और कला के समृद्ध इतिहास की झलक प्रदान करती हैं। ऐलोरा की गुफाएं भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं। हर साल लाखों लोग ऐलोरा की गुफाओं को देखने आते हैं।
एलोरा की गुफाएं का निर्माण – Ellora caves built by
ऐलोरा की गुफाएं का निर्माण 600 से 1000 ईस्वी के बीच किया गया था। इन गुफाएं का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के शासकों ने कराया था। राष्ट्रकूट वंश के शासक धार्मिक सहिष्णु थे और उन्होंने बौद्ध, हिंदू और जैन सभी धर्मों के लिए गुफाएं बनवाईं। ऐलोरा की गुफाओं का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया था। इन गुफाएंके निर्माण में लाखों श्रमिकों ने कई वर्षों तक कड़ी मेहनत की थी। इन गुफाओं में बुद्ध, शिव, विष्णु, पार्वती, जैन तीर्थंकरों आदि की मूर्तियां और चित्रण हैं। ये गुफाएं भारतीय मूर्तिकला और कला की उत्कृष्ट कृतियाँ हैं। ऐलोरा की गुफाएं को 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। ये गुफाएं भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
एलोरा की गुफाएं की चित्रकारी – ellora paintings
एलोरा की गुफाएं में नक्काशी और भित्ति चित्रों की एक विस्तृत श्रृंखला है। ये नक्काशी और भित्ति चित्र भारत की समृद्ध कला और संस्कृति का एक जीवंत उदाहरण हैं। एलोरा गुफाओं में नक्काशी मुख्य रूप से तीन प्रमुख धर्मों, बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और जैन धर्म से संबंधित हैं। बौद्ध गुफाओं में, नक्काशी अक्सर बुद्ध और अन्य बौद्ध संतों के जीवन और शिक्षाओं को दर्शाती हैं। हिंदू गुफाओं में, नक्काशी अक्सर हिंदू देवताओं और देवी-देवताओं के चित्रण को दर्शाती हैं। जैन गुफाओं में, नक्काशी अक्सर जैन तीर्थंकरों और अन्य जैन संतों के चित्रण को दर्शाती हैं। एलोरा गुफाएं में भित्ति चित्र भी एक महत्वपूर्ण विशेषता हैं। ये भित्ति चित्र अक्सर धार्मिक विषयों से संबंधित होते हैं, लेकिन वे अन्य विषयों को भी दर्शा सकते हैं, जैसे कि पौराणिक कहानियां, ऐतिहासिक घटनाएं और दैनिक जीवन के दृश्य।
एलोरा में घूमने लायक जगह – Places to visit in Ellora Caves
एलोरा घुफाओ में कुल 34 गुफा है जो एतेहासिक धरोहर है यह गुफा अपने एतेहासिक कला का नूमना है जो विश्व के धरोहर के रूप में जाना जाता है | तो चलिए इन 34 गुफाओ में से कुछ खास जो घूमने लायक एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है उसे हम नीचे जानते हैं :-
विश्वकर्मा गुफा, एलोरा गुफा 10 – Ellora Cave 10 (Vishwakarma)
एलोरा गुफा 10, विश्वकर्मा गुफा के नाम से भी जानी जाती है, एक जैन मंदिर है जो 7वीं शताब्दी का है। यह मंदिर भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। विश्वकर्मा गुफा एक विशाल मंदिर है। यह 30 मीटर ऊंचा और 20 मीटर चौड़ा है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और इसे चट्टानों को काटकर बनाया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान विश्वकर्मा की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान विश्वकर्मा की एक विशाल मूर्ति है।
धो ताल, एलोरा गुफा 11 – Ellora cave 11
धो ताल गुफा, ऐलोरा की गुफाएं में स्थित एक जैन मंदिर है। यह गुफा 7वीं शताब्दी की है। धो ताल गुफा का नाम इसके अंदर स्थित एक विशाल तालाब के कारण पड़ा है। तालाब का पानी बहुत ही साफ और स्वच्छ है। मंदिर का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान महावीर की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान महावीर की एक विशाल प्रतिमा है। यह प्रतिमा 10 मीटर ऊंची और 5 मीटर चौड़ी है। धो ताल गुफा ऐलोरा की गुफाओं का एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह गुफा जैन धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाती है।
रावण की खाई, एलोरा गुफा 14 – Ellora Cave 14
रावण की खाई एक प्राकृतिक गड्ढा है जो ऐलोरा की गुफाएं से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह खाई लगभग 100 फीट गहरी और 200 फीट चौड़ी है। रावण की खाई की उत्पत्ति के बारे में कई कहानियां हैं। एक कहानी के अनुसार, रावण ने इस खाई को अपनी सेना के लिए एक अभयारण्य के रूप में बनाया था। एक अन्य कहानी के अनुसार, यह खाई एक प्राकृतिक आपदा के कारण बनी थी। रावण की खाई एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। लोग यहां पिकनिक मनाने, प्रकृति का आनंद लेने और साहसिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए आते हैं।
दशावतार गुफा, एलोरा गुफा 15 – Ellora cave 15
दशावतार गुफा, ऐलोरा की गुफाओं में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह गुफा 7वीं शताब्दी की है। दशावतार गुफा का नाम दस अवतारों के नाम पर पड़ा है। गुफा के अंदर भगवान विष्णु के दस अवतारों की मूर्तियां हैं। मंदिर का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान विष्णु के दस अवतारों की मूर्तियां हैं। ये मूर्तियां बहुत ही सुंदर और कलात्मक हैं। दशावतार गुफा ऐलोरा की गुफाओं का एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह गुफा हिंदू धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाती है।
कैलाश मंदिर, एलोरा गुफा 16 – Ellora Cave 16 (The Kailāśa temple)
कैलाश मंदिर ऐलोरा की गुफाएं में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह गुफा संख्या 16 है और यह 8वीं शताब्दी का है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। कैलाश मंदिर एक विशाल मंदिर है। यह 34 मीटर ऊंचा और 120 मीटर चौड़ा है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और इसे चट्टानों को काटकर बनाया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान शिव की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति है।
रामेश्वर गुफा, एलोरा गुफा 21 – Ellora cave 21
रामेश्वर गुफा, ऐलोरा की गुफाएं में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह गुफा 7वीं शताब्दी की है। रामेश्वर गुफा का नाम भगवान राम के नाम पर पड़ा है। गुफा के अंदर भगवान राम की एक विशाल प्रतिमा है। मंदिर का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान राम की एक विशाल प्रतिमा है। यह प्रतिमा 15 मीटर ऊंची और 7 मीटर चौड़ी है। रामेश्वर गुफा ऐलोरा की गुफाओं का एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह गुफा हिंदू धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाती है।
धुमर लेना, एलोरा गुफा 29 – Ellora Cave 29
धुमर लेना गुफा, ऐलोरा की गुफाएं में स्थित एक बौद्ध मंदिर है। यह गुफा 7वीं शताब्दी की है। धुमर लेना गुफा का नाम इसके अंदर स्थित एक विशाल धूमर कुंड के कारण पड़ा है। धूमर कुंड एक प्रकार का स्नानगृह है जिसमें गर्म पानी भरा रहता है। मंदिर का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान बुद्ध की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा है। यह प्रतिमा 10 मीटर ऊंची और 5 मीटर चौड़ी है। धुमर लेना गुफा ऐलोरा की गुफाओं का एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह गुफा बौद्ध धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाती है।
इंद्र सभा, एलोरा गुफा 32 – Ellora cave 32
इंद्र सभा, ऐलोरा की गुफाएं का सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। यह एक बौद्ध मंदिर है जो 7वीं शताब्दी का है। इंद्र सभा एक विशाल मंदिर है। यह 50 मीटर ऊंचा और 40 मीटर चौड़ा है। मंदिर का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान बुद्ध की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा है।
एलोरा गुफा संख्या 33-34 – Ellora cave 33-34
ऐलोरा की गुफाएं में गुफा संख्या 33 और 34 जैन धर्म के लिए समर्पित हैं। यह दोनों गुफाएं 7वीं शताब्दी की हैं। गुफा संख्या 33 एक विशाल मंदिर है। यह 30 मीटर ऊंचा और 20 मीटर चौड़ा है। मंदिर का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान महावीर की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान महावीर की एक विशाल प्रतिमा है। गुफा संख्या 34 एक मठ है। यह मठ 20 मीटर ऊंचा और 10 मीटर चौड़ा है। मठ का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। मठ के अंदर कई कक्ष हैं। इन कक्षों में जैन धर्म के विभिन्न देवताओं और देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मठ के बाहर एक विशाल आंगन है। गुफा संख्या 33 और 34 ऐलोरा की गुफाओं का एक महत्वपूर्ण आकर्षण हैं। ये गुफाएं जैन धर्म की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं।
एलोरा गुफा के पास घूमने की जगह – Visit Places near Ellora Caves
आप एलोरा की गुफा देखने अगर आये है या प्लान बना रहें है तो यहाँ एलोरा की गुफा के साथ साथ कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है जो एलोरा की गुफा से नजदीक है और इसे भी आपको जरुर घूमना और देखना चाहिए जो अपने आप में काफी अद्भुत एवं एतेहासिक है तो चलिए नीचे जानते हैं के एलोरा की गुफाओ से नजदीक आप कहाँ कहाँ घूम और क्या क्या देख सकते हैं :-
औरंगज़ेब का मकबरा ऐलोरा – Tomb of Aurangzeb Alamgir near Ellora Caves
औरंगज़ेब का मकबरा ऐलोरा की गुफाएं से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मकबरा मुगल सम्राट औरंगज़ेब का अंतिम विश्राम स्थल है। औरंगज़ेब का मकबरा 17वीं शताब्दी का है। इसे मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। मकबरा सफेद संगमरमर से बना है और यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मकबरे का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर कई मूर्तियां और शिल्प हैं। मकबरे के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में औरंगज़ेब की एक विशाल समाधि है।
श्री भद्र मारुति मंदिर ऐलोरा – Shri Bhadra Maruti Temple near Ellora Caves
श्री भद्र मारुति मंदिर ऐलोरा की गुफाएं से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक हिंदू मंदिर है। मंदिर के देवता भगवान हनुमान हैं। यह उन तीन स्थानों में से एक है जहां हनुमान को शयन मुद्रा में दर्शाया गया है।मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान हनुमान की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति है।
वाघोरा जलप्रपात – Waghora Waterfalls near Ellora Caves
वाघोरा जलप्रपात महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एक खूबसूरत जलप्रपात है। यह जलप्रपात ऐलोरा की गुफाएं से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वाघोरा जलप्रपात खडकवासला नदी पर स्थित है। यह जलप्रपात 100 फीट ऊंचा है। जलप्रपात के नीचे एक छोटा सा तालाब है। वाघोरा जलप्रपात एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। लोग यहां पिकनिक मनाने, नहाने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए आते हैं।
बानी बेगम गार्डन – Bani Begum Garden near Ellora Caves
बानी बेगम गार्डन औरंगाबाद में स्थित एक खूबसूरत उद्यान है। यह उद्यान मुगल वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। बानी बेगम गार्डन का निर्माण 1695 में औरंगजेब के पुत्र राजकुमार आजम शाह ने करवाया था। गार्डन का नाम उनकी मां बानी बेगम के नाम पर रखा गया है। बानी बेगम गार्डन में कई सुंदर फूलों और पेड़ों के अलावा, कई फव्वारे और झरने भी हैं। गार्डन में एक खूबसूरत मस्जिद भी है। बानी बेगम गार्डन ऐलोरा की गुफाएं के आसपास घूमने के लिए एक अच्छा स्थान है। यह उद्यान एक शांतिपूर्ण और सुंदर स्थान है जहां आप आराम कर सकते हैं और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – Grishneswar Jyotirlinga Temple near Ellora Caves
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। घृष्णेश्वर मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर का बाहरी भाग बहुत ही सुंदर है। इसके मुख पर भगवान शिव की कई मूर्तियां हैं। मंदिर के अंदर एक विशाल गर्भगृह है। गर्भगृह में भगवान शिव की एक विशाल ज्योतिर्लिंग है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ऐलोरा की गुफाओं के पास स्थित है। यह मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
खुल्दाबाद – Khuldabad near Ellora Caves
खुल्दाबाद ऐलोरा की गुफाओं के पास स्थित एक छोटा सा गांव है। यह गांव अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। खुल्दाबाद ऐलोरा की गुफाओं की यात्रा के दौरान एक अच्छा ठहराव स्थान है। यहां आप ऐतिहासिक स्थलों की सैर कर सकते हैं और स्थानीय संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
FAQ (एलोरा गुफा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) :-
एलोरा गुफा क्यों प्रसिद्ध है?
एलोरा गुफा प्रसिद्ध है क्योंकि यह विश्व की सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण गुफाएं में से एक है। यह गुफाएं अपनी अद्भुत वास्तुकला, सुंदर मूर्तियों और शिल्प के लिए जानी जाती हैं। एलोरा गुफा भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित है। ये गुफाएं 300 से 700 ईस्वी के बीच बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों के अनुयायियों द्वारा बनाई गई थीं।
ऐलोरा की गुफाएं में घूमने का समय?
ऐलोरा की गुफाएं साल भर खुली रहती हैं। हालांकि, सर्दियों के महीनों (अक्टूबर से मार्च) में यहां घूमने का सबसे अच्छा समय होता है। इस समय मौसम ठंडा और सुहावना रहता है।
एलोरा की गुफाओं को देखने के लिए कितना समय चाहिए?
एलोरा की गुफाओं को देखने के लिए आपको एक दिन का समय चाहिए इसमें आप एलोरा के सभी गुफाओं को आराम से देख सकते हैं |
एलोरा की गुफाएं को घूमने के लिए टिकट कितने का लगता है?
एलोरा की गुफाएं को घूमने के लिए टिकट भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 40 रुपये है और विदेशियों के लिए गुफाओं में प्रवेश टिकट 600 रुपये है। 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए एलोरा गुफाओं में प्रवेश टिकट नहीं लगता है। इसके अलावा, आप पर्यटक सूचना केंद्र पर एक ऑडियो-विजुअल गाइड खरीद सकते हैं, जिसमें भोजनालय, दुकानें, सभागार और पार्किंग स्थान भी है।
एलोरा की गुफाएं को घूमने का समय – Ellora caves timings
एलोरा गुफाएं सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती हैं। सप्ताह के सभी दिनों में गुफाएं खुली रहती हैं।
एलोरा गुफा कहाँ है?
एलोरा गुफा भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित है।
एलोरा की गुफाएं किसने बनाई थी?
एलोरा की गुफाएं का निर्माण 300 से 700 ईस्वी के बीच बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों के अनुयायियों द्वारा किया गया था। इन गुफाओं के निर्माण में कई राजवंशों का योगदान रहा है, जिनमें सातवाहन, वाकाटक, चालुक्य और राष्ट्रकूट शामिल हैं।
एलोरा का प्राचीन नाम क्या है?
एलोरा का प्राचीन नाम वेरुल था। यह नाम संस्कृत के शब्द “वेरुला” से आया है, जिसका अर्थ है “उच्च भूमि”।
एलोरा का अर्थ क्या है?
एलोरा का अर्थ “उच्च भूमि” है। यह संस्कृत के शब्द “वेरुला” से आया है, जिसका अर्थ भी “उच्च भूमि” है।
एलोरा का प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?
एलोरा का प्रसिद्ध मंदिर कैलाश मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी विशालता और सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
एलोरा की गुफा कौन से राज्य में स्थित है?
एलोरा की गुफाएं भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं।
एलोरा की गुफा में किसका चित्र अंकित है?
एलोरा की गुफा में बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों के देवी-देवताओं और प्रसंगों के चित्र अंकित हैं।
एलोरा की विशेषता क्या है?
एलोरा गुफाएं तीन प्रमुख धर्मों, बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और जैन धर्म के लिए समर्पित हैं। यह एक ऐसा उदाहरण है कि विभिन्न धर्मों के अनुयायी एक-दूसरे के साथ शांति और सद्भाव से रह सकते हैं। एलोरा गुफाएं अपने विशाल आकार और सुंदर वास्तुकला के लिए जानी जाती हैं। कैलाश मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, दुनिया की सबसे बड़ी चट्टान-कटाई वाली गुफा मंदिरों में से एक है। एलोरा गुफाओं में भारतीय कला और संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन मिलता है। इन गुफाओं में बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों के देवी-देवताओं और प्रसंगों के सुंदर चित्र अंकित हैं।
एलोरा की गुफाएं के पीछे की कहानी क्या है?
एलोरा गुफाएं के निर्माण के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। एक कहानी के अनुसार, इन गुफाएं का निर्माण एक राजा ने करवाया था जो तीनों धर्मों का सम्मान करता था। एक अन्य कहानी के अनुसार, इन गुफाएं का निर्माण विभिन्न धर्मों के अनुयायियों द्वारा एक साथ मिलकर किया गया था। जिस तरह से एलोरा गुफाओं का निर्माण किया गया है, वह अपने आप में एक कहानी है। इन गुफाएं का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है। यह एक बहुत ही कठिन और समय लेने वाली प्रक्रिया थी। इन गुफाएं का निर्माण करने के लिए हजारों लोगों ने कड़ी मेहनत की होगी। एलोरा गुफाएं भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति का एक जीवंत उदाहरण हैं। ये गुफाएं दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। एलोरा गुफाओं के पीछे की कहानी एक ऐसी कहानी है जो हमें एक-दूसरे के साथ शांति और सद्भाव से रहने के लिए प्रेरित करती है। यह हमें बताती है कि विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच भी सहयोग और सद्भाव संभव है।
एलोरा गुफा घूमने में कितना खर्चा आयेगा?
एलोरा गुफा घूमने के लिए आपको लगभग 1-2 हजार रूपये का खर्चा करना परेगा |
एलोरा गुफा घूमने के लिए कहाँ ठहरें?
एलोरा गुफा घूमने के लिए यहाँ नजदीक में कई होटेल्स है | आप अपने बजट और सुविधाओं के अनुसार किसी भी स्थान का चयन कर सकते हैं। दशावतार होटल, एलोरा पॅलेस, एलोरा रिसॉर्ट इत्यादि है या आप ऑनलाइन होटल बुकिंग वेबसाइट के माध्यम से नजदीकी होटल देखकर सुविधानुसार बुक कर सकते हैं |
ऐलोरा की गुफाएं तक कैसे पहुंचें?
ऐलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। औरंगाबाद शहर देश के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप हवाई जहाज, ट्रेन या बस से औरंगाबाद पहुंच सकते हैं। औरंगाबाद से ऐलोरा की गुफाएं लगभग 30 किलोमीटर दूर हैं। आप टैक्सी, बस या ऑटोरिक्शा से ऐलोरा की गुफाओं तक पहुंच सकते हैं।
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को एलोरा गुफाएं में घूमने की जगह (ellora caves Me Ghumne ki Jagah) (tourist places in ellora caves) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
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नोट: यह ब्लॉग पोस्ट एलोरा गुफाएं के प्रति मेरी आत्मीय भावनाओं का प्रतिबिंब है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है |