Chittorgarh Tourist Places :- चित्तौड़गढ़ राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर है। यह शहर अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत, और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की प्राचीन राजधानी थी और यह कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। चित्तौड़गढ़ का किला भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण किलों में से एक है। यह किला 7वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसमें कई ऐतिहासिक स्मारकों और मंदिरों का घर है। चित्तौड़गढ़ किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
चित्तौड़गढ़ में घूमने लायक जगह – Places to visit in Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर है। यह अपने किले, मंदिरों, और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:-
Ghumne ki jagah
चित्तौड़गढ़ किला – Chittorgarh Fort
चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है। चित्तौड़गढ़ किला अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
कालिका माता मंदिर – Kalika Mata Temple Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित कालिका माता मंदिर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर देवी कालिका को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में शक्ति की देवी हैं। कालिका माता मंदिर राजस्थान के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के आसपास एक मेला भी लगता है, जिसमें लोग देवी कालिका से आशीर्वाद लेने आते हैं।
राणा कुम्भा महल – Rana Kumbha Palace Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित राणा कुम्भा महल राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह महल मेवाड़ के महान राजा राणा कुम्भा द्वारा 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था। राणा कुम्भा महल अपनी समृद्ध वास्तुकला के लिए जाना जाता है। महल के बाहरी भाग में कई सुंदर नक्काशी और शिल्पकारी की गई है। महल के अंदर कई भव्य हॉल और मंडप हैं।
फतेह प्रकाश पैलेस – Fateh Prakash Palace Chittorgarh
फतेह प्रकाश पैलेस चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित एक विशाल और भव्य महल है। यह महल महाराणा फतेह सिंह द्वारा 19वीं शताब्दी में बनवाया गया था।फतेह प्रकाश पैलेस अपनी समृद्ध वास्तुकला के लिए जाना जाता है। महल के बाहरी भाग में कई सुंदर नक्काशी और शिल्पकारी की गई है। महल के अंदर कई भव्य हॉल और मंडप हैं।
राणा रतन सिंह महल – Rana Ratan Singh Palace Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित राणा रतन सिंह महल राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह महल मेवाड़ के महान राजा राणा रतन सिंह द्वारा 13वीं शताब्दी में बनवाया गया था। राणा रतन सिंह महल का निर्माण 1256 में शुरू हुआ था और 1273 में पूरा हुआ था। इस महल का निर्माण कई अलग-अलग शैलियों में किया गया है, जिसमें राजस्थानी, गुजराती, और मुगल शैली शामिल हैं। महल में कई मंदिर, मंडप, और हॉल हैं।
गौमुख कुंड – Gaumukh Kund Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित गौमुख कुंड राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह कुंड भगवान शिव को समर्पित है। गौमुख कुंड का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। यह कुंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। गौमुख कुंड एक विशाल कुंड है जो 100 मीटर लंबा और 50 मीटर चौड़ा है। कुंड के मध्य में एक गाय के मुख जैसा आकार है, जिससे कुंड को “गौमुख कुंड” कहा जाता है। कुंड के चारों ओर कई मंदिर और मंडप हैं।
विजय स्तंभ – Vijay Stambh Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित विजय स्तंभ राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह स्तंभ मेवाड़ के महान राजा राणा कुम्भा द्वारा 1440-1448 के मध्य सारंगपुर की लड़ाई में मालवा की सेना पर विजय के स्मारक के रूप में बनवाया गया था। विजय स्तंभ का निर्माण 1440 में शुरू हुआ था और 1448 में पूरा हुआ था। इस स्तंभ का निर्माण कई अलग-अलग शैलियों में किया गया है, जिसमें राजस्थानी, गुजराती, और मुगल शैली शामिल हैं। स्तंभ की ऊंचाई 37 मीटर है और यह 9 मंजिलों का है।
सांवरिया सेठ मंदिर – Sanwariya Seth Temple Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ से लगभग 45 किलोमीटर दूर मंडफिया गांव में स्थित सांवरिया सेठ मंदिर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। सांवरिया सेठ मंदिर एक विशाल और भव्य मंदिर है। मंदिर का निर्माण राजस्थानी वास्तुकला शैली में किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान कृष्ण की एक सुंदर प्रतिमा स्थापित है।
कीर्ति स्तंभ – Keerthi Stambh Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित कीर्ति स्तंभ राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह स्तंभ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है। कीर्ति स्तंभ का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। इस स्तंभ का निर्माण एक जैन व्यापारी ने किया था, जिनका नाम जीजा बघेरवाल था। कीर्ति स्तंभ अपनी समृद्ध वास्तुकला के लिए जाना जाता है। स्तंभ की ऊंचाई 24.5 मीटर है और यह 6 मंजिलों का है। स्तंभ के प्रत्येक मंजिल पर सुंदर नक्काशी और शिल्पकारी की गई है। स्तंभ के शीर्ष पर आदिनाथ की एक सुंदर प्रतिमा स्थापित है।
श्री बाण माता मंदिर – Shri Baan Mata Temple Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित श्री बाण माता मंदिर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर मेवाड़ के सूर्यवंशी गहलोत सिसोदिया (राजपूत) राजवंश की कुलदेवी बाण माता को समर्पित है। श्री बाण माता मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर का निर्माण मेवाड़ के महान राजा बाप्पा रावल ने किया था।
सूरज पोल – Suraj Pole Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित सूरज पोल चित्तौड़गढ़ का एक ऐतिहासिक प्रवेश द्वार है। यह पोल 15वीं शताब्दी में मेवाड़ के महान राजा राणा कुम्भा द्वारा बनवाया गया था। सूरज पोल का निर्माण 1458 में शुरू हुआ था और 1468 में पूरा हुआ था। इस पोल का निर्माण राजस्थानी वास्तुकला शैली में किया गया है। पोल की ऊंचाई 22 मीटर है और यह 5 मंजिलों का है।
भीमलत कुंड – Bhimlat Kund Chittorgarh
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित भीमलत कुंड एक प्राकृतिक झील है। यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। भीमलत कुंड का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। इस झील का निर्माण मेवाड़ के महान राजा पृथ्वीराज चौहान ने किया था। भीमलत कुंड एक विशाल झील है, जिसकी लंबाई 200 मीटर और चौड़ाई 100 मीटर है। झील के चारों ओर कई मंदिर और मंडप हैं।
FAQ (चित्तौड़गढ़ के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) :-
चित्तौड़गढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय?
चित्तौड़गढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और पर्यटक किले और मंदिरों के अंदर आराम से घूम सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ कैसे पहुँचे?
चित्तौड़गढ़ हवाई, रेल, और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग से: चित्तौड़गढ़ का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर है, जो लगभग 150 किलोमीटर दूर है। उदयपुर से चित्तौड़गढ़ के लिए टैक्सी या बस ले जा सकते हैं।
- रेल मार्ग से: चित्तौड़गढ़ का निकटतम रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ है। चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से शहर के विभिन्न हिस्सों के लिए बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।
- सड़क मार्ग से: चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से चित्तौड़गढ़ की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है।
चित्तौड़गढ़ कहाँ है?
चित्तौड़गढ़ राजस्थान राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यह शहर राजस्थान के चितौड़गढ़ जिले का मुख्यालय है। चित्तौड़गढ़ शहर राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 270 किलोमीटर दूर स्थित है।
चित्तौड़गढ़ फेमस फ़ूड?
चित्तौड़गढ़ अपने स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों के लिए जाना जाता है। यहां कुछ प्रसिद्ध व्यंजन दिए गए हैं जिन्हें आपको जरूर आज़माना चाहिए:-
- गट्टे की खिचड़ी: यह चित्तौड़गढ़ का एक विशिष्ट व्यंजन है जिसमें बेसन से बने छोटे पकौड़े (गट्टे) को टमाटर की स्वादिष्ट ग्रेवी में चावल और दाल के साथ पकाया जाता है। यह एक सुखदायक और पौष्टिक भोजन है, जो एक आत्म-गर्म करने वाली दोपहर या रात के खाने के लिए एकदम सही है।
- पंचकुआ: यह स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड आपके मुंह में एक स्वादिष्ट विस्फोट है। बेसन से बने गहरे तले हुए चपाती (कचोरी) को मसालेदार मिश्रण में भरा जाता है जिसमें दाल, प्याज और मसाले शामिल हैं, और फिर खट्टी चटनी में डुबोया जाता है। प्रत्येक काटने में विपरीत बनावट और स्वादों का एक विस्फोट होता है।
- बेसन घूँघरा: मीठे दांतों के लिए कॉलिंग! बेसन घूँघरा बेसन, घी, चीनी और मेवों से बने पिघलते-मुँह में मीठे पकौड़े हैं। सुनहरे सुनहरे होने तक तले जाने के बाद, उन्हें मीठी चाशनी में डुबोया जाता है, एक मनोरम भोग प्रदान करता है।
- पोड़ा: चखने के लिए एक और मीठा इलाज पोड़ा है, बेसन, चीनी, घी और इलायची से बना एक फ्लैट पेस्ट्री। इसका एक कुरकुरा बनावट और एक हल्का मीठा स्वाद है, जो इसे चाय के कप के साथ एकदम सही पूरक बनाता है।
- छोमन: नाश्ते या जल्दी नाश्ते के लिए इस स्थानीय पसंद को न भूलें। छोमन गेहूं और दालों से बना एक स्वादिष्ट दलिया है, जिसे दूध और घी में थोड़े से मसालों के साथ धीमी आँच पर पकाया जाता है। यह एक पौष्टिक और हल्का भोजन है जो आपको संतुष्ट महसूस कराएगा।
- दाल बाटी: यह राजस्थानी संयोजन चित्तौड़गढ़ की यात्रा करने वाले किसी भी फूडी के लिए एक कोशिश करना चाहिए। मसालेदार दाल (दाल का सूप) को बाटी के साथ जोड़ा जाता है, बेसन से बने गहरे तले हुए ब्रेड डंपलिंग्स। प्रत्येक काटने में बनावट और स्वाद का एक मनभावन मिश्रण होता है, जिससे यह वास्तव में संतोषजनक भोजन होता है।
चित्तौड़गढ़ में देखने के लिए क्या क्या है?
चित्तौड़गढ़ राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर है। यह अपने किले, मंदिरों, और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। चित्तौड़गढ़ में देखने के लिए कुछ प्रमुख स्थानों में शामिल हैं: चित्तौड़गढ़ किला, विजय स्तम्भ, कीर्ति स्तम्भ, फतेह प्रकाश पैलेस, रानी पद्मिनी का महल, साँवरियाजी मंदिर, मीरा मंदिर, कलिका माता मंदिर इत्यादि है|
चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए कितने दिन चाहिए?
चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए कम से कम 2 दिन चाहिए। 2 दिनों में आप चित्तौड़गढ़ किला, विजय स्तम्भ, कीर्ति स्तम्भ, फतेह प्रकाश पैलेस, रानी पद्मिनी का महल, साँवरियाजी मंदिर, मीरा मंदिर, और कलिका माता मंदिर को घूम सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ किला घूमने में कितना समय लगता है?
चित्तौड़गढ़ किला घूमने में कम से कम 2 घंटे लगते हैं। यदि आप किले के सभी हिस्सों को अच्छे से देखना चाहते हैं, तो आपको 3 या 4 घंटे की आवश्यकता हो सकती है।
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह (Chittorgarh me Ghumne ki Jagah) (tourist places in chittorgarh) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
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नोट: यह ब्लॉग पोस्ट चित्तौड़गढ़ के प्रति मेरी आत्मीय भावनाओं का प्रतिबिंब है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है |