Bhubaneswar Tourist Places :- भुवनेश्वर, भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा की राजधानी है। इसे “मंदिरों का शहर” भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ कई प्राचीन और भव्य मंदिर हैं। इसके अलावा, भुवनेश्वर में प्राकृतिक सुंदरता, कला और संस्कृति के भी कई आकर्षण हैं।
भुवनेश्वर में प्रमुख पर्यटन स्थल – Places to visit in Bhubaneswar
भुवनेश्वर एक धार्मिक शहर है अगर आप भुवनेश्वर घूमने के बारे में सोच रहें है या प्लान बना रहें है तो आज का आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है इस ब्लॉग पोस्ट के द्वारा आज हम आपको भुवनेश्वर में घूमने के लिए कौन कौन से प्रमुख पर्यटन स्थल है उनके बारे में पुरी जानकारी देंगे ताकि आप भुवनेश्वर आसानी से घूम सके तो चलिए हम जानते हैं भुवनेश्वर में प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन कौन है और क्या खास है यहाँ घूमने के लिए:-
Ghumne ki jagah
कोणार्क सूर्य मंदिर – Konark Sun Temple, Bhubaneswar tour
कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग वंश के राजा प्रथम नरसिंह देव द्वारा बनवाया गया था। मंदिर को कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। कोणार्क सूर्य मंदिर समुद्र तट पर स्थित है और यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अद्भुत होता है। मंदिर की ऊँचाई 227 मीटर है और यह एक विशाल रथ के आकार में बनाया गया है। रथ के छह पहिए हैं, जिनकी प्रत्येक त्रिज्या 10 मीटर है। रथ की छत पर 12 घोड़े और 7 घोड़े-सवार हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य की विशाल मूर्ति है।
उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं – Udayagiri and Khandagiri Caves
उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं हैं, जो जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये गुफाएं पहली और दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान बनाई गई थीं और कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं एक दूसरे से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित हैं। उदयगिरि में 18 गुफाएं हैं, जबकि खंडगिरि में 15 गुफाएं हैं। इन गुफाओं में जैन धर्म के विभिन्न तीर्थंकरों और देवताओं की मूर्तियाँ और नक्काशी की गई हैं। उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं भुवनेश्वर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं। यहाँ हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।
लिंगराज मंदिर – Lingaraj Temple, Bhubaneswar
लिंगराज मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था और कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, जिसकी परिधि लगभग 2 किलोमीटर है। मंदिर का मुख्य द्वार एक विशाल मेहराब है, जिस पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और जटिल नक्काशी की गई है। मंदिर के अंदर, भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति है, जो एक सर्प के ऊपर बैठी हुई है। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया है। मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें से कुछ भगवान विष्णु, देवी पार्वती और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित हैं। मंदिर परिसर में एक सुंदर उद्यान भी है, जो फूलों और पेड़ों से भरा हुआ है।
नन्दनकानन चिड़ियाघर – Nandankanan Zoological Park, Bhubaneswar
नन्दनकानन चिड़ियाघर है, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह चिड़ियाघर 1960 में स्थापित किया गया था और यहाँ लगभग 1,500 से अधिक जानवरों और पक्षियों की प्रजातियाँ हैं। चिड़ियाघर 400 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ विभिन्न प्रकार के जानवर और पक्षी हैं, जिनमें शेर, बाघ, हाथी, जिराफ, टाइगर, हिरण, मकाक, मोर, तोता और अन्य शामिल हैं। चिड़ियाघर में एक विशाल तालाब भी है, जिसमें कई प्रकार के जलीय जीव रहते हैं। नन्दनकानन चिड़ियाघर भुवनेश्वर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
धौली शांति स्तूप – Dhauli Shanti Stupa, Bhubaneswar
धौली शांति स्तूप प्रसिद्ध शिलालेखों के लिए जाना जाता है। यह स्तूप 257 ईसा पूर्व में अशोक द्वारा बनाया गया था और यह कलिंग युद्ध के बाद शांति और अहिंसा के संदेश का प्रचार करने के लिए बनाया गया था। धौली शांति स्तूप एक विशाल स्तूप है, जिसकी ऊँचाई 34 मीटर है। स्तूप के चारों ओर एक दीवार है, जिसके ऊपर अशोक के शिलालेख खुदे हुए हैं। शिलालेखों में अशोक के जीवन और विचारों के बारे में जानकारी दी गई है।
चिल्का झील – Chilika Lake, Bhubaneswar
चिल्का झील है, जो भारत की सबसे बड़ी नमकीन पानी की झील है। यह झील भारत के पूर्वी तट पर स्थित है और यहाँ कई तरह के पक्षी, पशु और जलीय जीव पाए जाते हैं। चिल्का झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहाँ हर साल लाखों लोग आते हैं। झील में नौका विहार, पक्षी-विहार और अन्य जल गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। आप झील के किनारे घूम सकते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
मुक्तेश्वर मंदिर – Mukteswara Temple, Bhubaneswar
भुवनेश्वर, ओडिशा की राजधानी, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इन मंदिरों में से एक मुक्तेश्वर मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बनाया गया था और कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है, जिस तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर एक विशाल मेहराब है, जिस पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और जटिल नक्काशी की गई है। मंदिर के अंदर, भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति है, जो एक सर्प के ऊपर बैठी हुई है। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया है। मंदिर परिसर में एक सुंदर उद्यान भी है, जो फूलों और पेड़ों से भरा हुआ है। उद्यान में एक तालाब भी है, जिसमें मछलियाँ और अन्य जलीय जीव रहते हैं।
राजरानी मंदिर – Rajarani Temple, Bhubaneswar
राजरानी मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था और कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।मंदिर एक गोलाकार संरचना है, जो बलुआ पत्थर से बना है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और जटिल नक्काशी की गई है। मंदिर के अंदर, भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति है, जो एक सर्प के ऊपर बैठी हुई है। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया है। मंदिर परिसर में एक सुंदर उद्यान भी है, जो फूलों और पेड़ों से भरा हुआ है। उद्यान में एक तालाब भी है, जिसमें मछलियाँ और अन्य जलीय जीव रहते हैं।
ओडिशा राज्य संग्रहालय – Odisha State Museum, Bhubaneswar
ओडिशा राज्य संग्रहालय जो ओडिशा की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है। यह संग्रहालय 1938 में स्थापित किया गया था और यहाँ प्राचीन मूर्तियों, शिल्पों, हथियारों और अन्य ऐतिहासिक वस्तुओं का एक विशाल संग्रह है।संग्रहालय परिसर में घूमने और संग्रहालय के दर्शन करने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है।
ब्रह्मेश्वर मंदिर – Brahmeswara Temple, Bhubaneswar
ब्रह्मेश्वर मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बनाया गया था और कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है, जिस तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर एक विशाल मेहराब है, जिस पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और जटिल नक्काशी की गई है। मंदिर के अंदर, भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति है, जो एक सर्प के ऊपर बैठी हुई है। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया है।
श्री राम मंदिर – Sri Ram Temple, Bhubaneswar
श्री राम मंदिर भगवान राम को समर्पित है। यह मंदिर 19वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह एक विशाल परिसर में स्थित है। मंदिर का मुख्य द्वार एक विशाल मेहराब है, जिस पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियाँ हैं। मंदिर के अंदर, भगवान राम की एक विशाल मूर्ति है, जो एक सिंहासन पर बैठी हुई है। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया है।
धाबालेश्वर मंदिर – Dhabaleswar Temple, Bhubaneswar
अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक धाबालेश्वर मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। धाबालेश्वर मंदिर एक विशाल मंदिर परिसर में स्थित है। मंदिर का मुख्य द्वार एक विशाल मेहराब है, जिस पर भगवान शिव की मूर्ति है। मंदिर के अंदर, भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति है, जो एक नंदी बैल पर बैठी हुई है। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया है।धाबालेश्वर मंदिर भुवनेश्वर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
ISKCON भुवनेश्वर – ISKCON Bhubaneswar, Bhubaneswar
ISKCON भुवनेश्वर है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित एक भव्य मंदिर परिसर है। यह मंदिर 1991 में स्थापित किया गया था और यह आध्यात्मिकता और संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र है। ISKCON भुवनेश्वर एक विशाल मंदिर परिसर में स्थित है। मंदिर का मुख्य द्वार एक विशाल मेहराब है, जिस पर भगवान कृष्ण की मूर्ति है। मंदिर के अंदर, भगवान कृष्ण की एक विशाल मूर्ति है, जो एक कमल के फूल पर बैठी हुई है। मूर्ति को सोने और चांदी से सजाया गया है।
बीजू पटनायक पार्क – Biju Patnaik Park, Bhubaneswar
अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक बीजू पटनायक पार्क है, जो एक विशाल उद्यान है जो शहर के केंद्र में स्थित है। इस पार्क का नाम ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के नाम पर रखा गया है।बीजू पटनायक पार्क एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहाँ हर साल लाखों लोग आते हैं। पार्क में कई सुविधाएं हैं, जिनमें एक झील, एक चिड़ियाघर, एक खेल का मैदान, एक ओपन थिएटर और एक फूलों का बगीचा शामिल हैं। झील पार्क का सबसे आकर्षक हिस्सा है। झील में कई तरह के पक्षी और मछलियाँ रहती हैं। झील के किनारे एक सुंदर बगीचा है, जहाँ आप आराम कर सकते हैं और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। चिड़ियाघर में कई तरह के जानवरों का घर है, जिनमें हाथी, शेर, बाघ, हिरण और बंगाल टाइगर शामिल हैं। आप चिड़ियाघर में इन जानवरों को करीब से देख सकते हैं और उनके बारे में जान सकते हैं।
कंजिया झील – Kanjia Lake, Bhubaneswar
कंजिया झील है, जो एक प्राकृतिक झील है जो शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित है। झील में कई तरह के पक्षी और मछलियाँ रहती हैं। झील के किनारे एक सुंदर बगीचा है, जहाँ आप आराम कर सकते हैं और प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। कंजिया झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहाँ हर साल लाखों लोग आते हैं। झील में नौका विहार और अन्य जल गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। आप झील के किनारे घूम सकते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
स्टेट ट्राइबल म्यूजियम – State Tribal Museum, Bhubaneswar
स्टेट ट्राइबल म्यूजियम ओडिशा के आदिवासी लोगों की संस्कृति और विरासत को समर्पित एक संग्रहालय है। स्टेट ट्राइबल म्यूजियम 1953 में स्थापित किया गया था। संग्रहालय में ओडिशा के विभिन्न आदिवासी समुदायों की संस्कृति और विरासत से संबंधित कई तरह की वस्तुओं का संग्रह है। इनमें पारंपरिक कपड़े, आभूषण, हथियार, संगीत वाद्ययंत्र, और अन्य कलाकृतियां शामिल हैं। संग्रहालय में पांच अलग-अलग हॉल हैं, जिनमें प्रत्येक ओडिशा के एक विशेष आदिवासी समुदाय को समर्पित है। प्रत्येक हॉल में उस समुदाय की संस्कृति और विरासत के बारे में जानकारी दी गई है।
FAQ (भुवनेश्वर घूमने के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) :-
भुवनेश्वर कहाँ है?
भुवनेश्वर, भारत के ओडिशा राज्य की राजधानी है। यह शहर भारत के पूर्वी तट पर स्थित है। भुवनेश्वर को “पूर्व का काशी” भी कहा जाता है।
भुवनेश्वर में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
भुवनेश्वर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और बारिश नहीं होती है। गर्मियों में भुवनेश्वर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, इसलिए इस समय यहाँ जाना उचित नहीं है।
भुवनेश्वर में घूमने के लिए कौन से पर्यटन स्थल सबसे लोकप्रिय हैं?
भुवनेश्वर में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शामिल हैं: लिंगराज मंदिर, उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं, चिल्का झील, धौली शांति स्तूप, धाबालेश्वर मंदिर, ISKCON भुवनेश्वर, बीजू पटनायक पार्क, कंजिया झील, स्टेट ट्राइबल म्यूजियम, ओडिशा राज्य संग्रहालय, ओडिशा कला संग्रहालय, ओडिशा म्यूजियम ऑफ साइंस इत्यादि प्रमुख है |
भुवनेश्वर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कहाँ है?
भुवनेश्वर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह शहर के केंद्र में है। इस क्षेत्र में कई प्रमुख पर्यटन स्थल स्थित हैं। आप शहर के चारों ओर टैक्सी या बस से भी घूम सकते हैं।
भुवनेश्वर में रहने के लिए सबसे अच्छी जगह कहाँ है?
भुवनेश्वर में रहने के लिए कई अच्छी जगहें हैं। शहर के केंद्र में कई होटल और गेस्टहाउस हैं। आप अपने बजट और सुविधाओं के अनुसार किसी भी जगह पर रह सकते हैं।
भुवनेश्वर में खाने के लिए सबसे अच्छी जगह कहाँ है?
भुवनेश्वर में कई तरह के व्यंजन उपलब्ध हैं। आप स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं या अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। शहर में कई अच्छी रेस्तरां और भोजनालय हैं।
भुवनेश्वर में खरीदारी के लिए सबसे अच्छी जगह कहाँ है?
भुवनेश्वर में कई अच्छी खरीदारी की जगहें हैं। आप स्थानीय हस्तशिल्प, कपड़े, और अन्य सामान खरीद सकते हैं। शहर में कई मार्केट और शॉपिंग मॉल हैं।
भुवनेश्वर में घूमने का खर्चा?
भुवनेश्वर में घूमने का खर्चा आपके बजट और रुचियों पर निर्भर करता है। यदि आप बजट में यात्रा कर रहे हैं, तो आप कम पैसों में भी भुवनेश्वर घूम सकते हैं। अनुमानित एक व्यक्ति का कुल खर्चा 17000 रूपये लगभग |
भुवनेश्वर कैसे पहुँचे?
भुवनेश्वर भारत के ओडिशा राज्य की राजधानी है। यह शहर अपने प्राचीन मंदिरों और कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। भुवनेश्वर पहुंचने के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं।
- हवाई मार्ग से :- भुवनेश्वर का अपना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जिसे बीजू पटनायक एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है। यह हवाई अड्डा शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर है। भुवनेश्वर के लिए देश के कई प्रमुख शहरों से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। दिल्ली से भुवनेश्वर की उड़ान का समय लगभग 2 घंटे 30 मिनट है।
- रेल मार्ग से :- भुवनेश्वर का अपना एक बड़ा रेलवे स्टेशन है, जो शहर के केंद्र में स्थित है। भुवनेश्वर के लिए देश के कई प्रमुख शहरों से सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। दिल्ली से भुवनेश्वर की ट्रेन का समय लगभग 24 घंटे है।
- सड़क मार्ग से :- भुवनेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग 6 के माध्यम से देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से भुवनेश्वर की सड़क यात्रा का समय लगभग 36 घंटे है।
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को भुवनेश्वर में घूमने की जगह (vindhyachal me ghumne ki Jagah) (tourist places in vindhyachal) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख के सम्बन्ध में कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आपके द्वारा दिए गए comment का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |
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