Char Dham Yatra :- उत्तराखंड, जिसे देवभूमि या देवताओं की भूमि के रूप में भी जाना जाता है, कई मंदिरों का गढ़ या घर कह सकते है और पूरे वर्ष भक्तों का स्वागत करता है। उत्तराखंड में श्रद्धालु जिन अनगिनत धार्मिक स्थलों और मंदिरो का दौरा करते हैं, उनमें से सबसे प्रमुख चार धाम यात्रा है। यह यात्रा या तीर्थयात्रा हिमालय की ऊंचाई पर स्थित चार पवित्र स्थलों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – की यात्रा है। हिंदी में, ‘चर’ का अर्थ है चार और ‘धाम’ का अर्थ धार्मिक स्थलों से है।
चार धाम यात्रा परिचय – About Char Dham Yatra
उत्तराखंड में श्रद्धालु जिन अनगिनत धार्मिक स्थलों और मंदिरो का दौरा करते हैं, उनमें से सबसे प्रमुख चार धाम यात्रा है। यह यात्रा या तीर्थयात्रा हिमालय की ऊंचाई पर स्थित चार पवित्र स्थलों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – की यात्रा है। हिमालय की ऊंचाई पर स्थित मंदिर हर साल लगभग छह महीने के लिए बंद रहते हैं, मंदिर गर्मियों में (अप्रैल या मई) खुलते हैं और सर्दियों की शुरुआत (अक्टूबर या नवंबर) के साथ मंदिर बंद हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करना चाहिए। इसलिए, तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ तक जाती है और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होती है। यात्रा सड़क या हवाई मार्ग से पूरी की जा सकती है (हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं)। कुछ भक्त दो धाम यात्रा या दो तीर्थों – केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा भी करते हैं।
उत्तरकाशी जिले में यमुना नदी (गंगा नदी के बाद दूसरी सबसे पवित्र भारतीय नदी) के स्रोत के करीब एक संकीर्ण घाटी में स्थित यमुनोत्री मंदिर, देवी यमुना को समर्पित है। उत्तरकाशी जिला देवी गंगा को समर्पित गंगोत्री का भी घर है, जो सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र है। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित है। बद्रीनाथ, पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का घर, भगवान विष्णु को समर्पित है। चार धाम यात्रा जितनी दिव्य है उतनी ही कठिन भी लेकिन आत्मा को तृप्त करने वाली है!
चार धाम यात्रा में घूमने की जगह – Places to visit Char Dham
यह यात्रा या तीर्थयात्रा हिमालय की ऊंचाई पर स्थित चार पवित्र स्थलों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – की यात्रा है। चार धाम यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करना चाहिए। इसलिए, तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ तक जाती है और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होती है। यहाँ घूमने के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल :-
Ghumne ki jagah
यमुनोत्री – Yamunotri yatra of char dham
यमुनोत्री, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक हिंदू तीर्थ स्थल है। यह हिंदू धर्म में पवित्र नदी यमुना का उद्गम स्थल है। यमुनोत्री को हिंदुओं के चार धाम यात्रा में से एक माना जाता है। यमुनोत्री हिमालय की बंदरपूंछ श्रृंखला में समुद्र तल से 3,293 मीटर (10,804 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक दुर्गम स्थान है और यहां तक पहुंचने के लिए पैदल या घोड़े की पीठ पर यात्रा करनी पड़ती है। यमुनोत्री मंदिर यमुना देवी को समर्पित है। मंदिर एक गुफा में स्थित है और यहां यमुना देवी की एक काले पत्थर की मूर्ति है। मंदिर के पास ही एक प्राचीन कुंड है, जिसे संगम कुंड कहा जाता है। इस कुंड में यमुना नदी का उद्गम होता है। यमुनोत्री एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और यहां साल भर तीर्थयात्रियों का आना जाना रहता है। विशेष रूप से, यमुना अष्टमी के अवसर पर यहां मेला लगता है।
गंगोत्री – Gangotri yatra in char dham
गंगोत्री, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक हिंदू तीर्थ स्थल है। यह हिंदू धर्म में पवित्र नदी गंगा का उद्गम स्थल है। गंगोत्री को हिंदुओं के चार धाम यात्रा में से एक माना जाता है। गंगोत्री हिमालय की बंदरपूंछ श्रृंखला में समुद्र तल से 3,042 मीटर (10,009 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक दुर्गम स्थान है और यहां तक पहुंचने के लिए पैदल या घोड़े की पीठ पर यात्रा करनी पड़ती है। गंगोत्री मंदिर गंगा देवी को समर्पित है। मंदिर एक गुफा में स्थित है और यहां गंगा देवी की एक कांस्य की मूर्ति है। मंदिर के पास ही एक प्राचीन कुंड है, जिसे गंगा कुंड कहा जाता है। इस कुंड में गंगा नदी का उद्गम होता है। गंगोत्री एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और यहां साल भर तीर्थयात्रियों का आना जाना रहता है। विशेष रूप से, गंगा दशहरा के अवसर पर यहां मेला लगता है।
केदारनाथ – Kedarnath yatra to char dham
केदारनाथ, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक हिंदू तीर्थ स्थल है। यह हिंदू धर्म में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ को हिंदुओं के चार धाम यात्रा में से एक माना जाता है। केदारनाथ हिमालय की पंचचूली पर्वतमाला में समुद्र तल से 3,584 मीटर (11,755 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक दुर्गम स्थान है और यहां तक पहुंचने के लिए पैदल या घोड़े की पीठ पर यात्रा करनी पड़ती है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर एक गुफा में स्थित है और यहां भगवान शिव की एक काले पत्थर की मूर्ति है। मंदिर के पास ही एक प्राचीन कुंड है, जिसे कल्पगृह कुंड कहा जाता है। इस कुंड में भगवान शिव का वास माना जाता है। केदारनाथ एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और यहां साल भर तीर्थयात्रियों का आना जाना रहता है। विशेष रूप से, केदारनाथ धाम यात्रा के अवसर पर यहां मेला लगता है।
बद्रीनाथ – Badrinath yatra of char dham
बद्रीनाथ, उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक हिंदू तीर्थ स्थल है। यह हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के 108 दिव्य धामों में से एक है। बद्रीनाथ को हिंदुओं के चार धाम यात्रा में से एक माना जाता है। बद्रीनाथ हिमालय की नीलकंठ पर्वतमाला में समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,289 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक दुर्गम स्थान है और यहां तक पहुंचने के लिए पैदल या घोड़े की पीठ पर यात्रा करनी पड़ती है। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर एक गुफा में स्थित है और यहां भगवान विष्णु की एक शालीग्राम की मूर्ति है। मंदिर के पास ही एक प्राचीन कुंड है, जिसे तप्तकुंड कहा जाता है। इस कुंड का पानी गर्म रहता है और माना जाता है कि यह औषधीय गुणों से भरपूर है। बद्रीनाथ एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और यहां साल भर तीर्थयात्रियों का आना जाना रहता है। विशेष रूप से, बद्रीनाथ धाम यात्रा के अवसर पर यहां मेला लगता है।
चारधाम जाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बाते – Information Char Dham
- चारधाम अप्रैल/मई से नवंबर की शुरुआत तक, केवल छह महीने के लिए खुलता है और अगले छह महीने तक बंद रहता है ।
- मानसून के मौसम (जुलाई-अगस्त) के दौरान यात्रा करने से बचने की कोशिश करें क्योंकि भारी बारिश से सड़क के अवरुद्ध होने और भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है।
- यात्रा के दौरान गर्म और ऊनी कपड़े साथ रखें क्योंकि इस क्षेत्र का मौसम हमेशा ठंडा रहता है और ऊंचाई पर तो ठंड ज्यादा बढ़ जाती है।
- हमेशा अपना मूल पहचान पत्र/ वोटर आईडी कार्ड, / आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस (इनमे से कोई एक) साथ रखें। अपनी प्राथमिक चिकित्सा किट ले जाएँ।
- उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रो में सूर्यास्त के बाद ड्राइविंग की अनुमति नहीं है, अतः सूर्यास्त के बाद ड्राइविंग करने से बचें।
- सिर्फ चारधाम यात्रा ही नहीं बल्कि किसी भी यात्रा के दौरान आपको अपनी जरूरी दवाइयां हमेशा साथ रखनी चाहिए।
- प्रस्थान के कम से कम एक या दो महीनों पूर्व अपना चारधाम होटल्स या पैकेज को प्री-बुक कर लें।
- चारधाम यात्रा मार्ग पर, लगभग सभी होटल बुनियादी हैं और केवल कुछ एक डीलक्स श्रेणी के हैं। सभी होटलों ने उचित स्वच्छता बनाए रखी है और मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं। लेकिन यह सलाह दी जाती है, इन होटलों की किसी भी स्टार श्रेणी से तुलना न करें।
- चार धाम मंदिर, विशेष रूप से केदारनाथ धाम सभी ऊंचाई पर स्थित हैं और धाम तक जाना एक बहुत ही परीक्षण और शारीरिक रूप से भीषण कार्य माना जाता है।चारधाम यात्रा से पहले उचित स्वास्थ्य जांच करने और पूर्ण शारीरिक फिटनेस सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है।
चार धाम यात्रा का मार्ग – Char dham route map
चार धाम यात्रा आमतौर पर उत्तराखंड के रास्ते से की जाती है। यात्रा का मार्ग इस प्रकार है:
- बद्रीनाथ: दिल्ली से बद्रीनाथ की दूरी लगभग 330 किलोमीटर है। आप बस, ट्रेन या हवाई जहाज से बद्रीनाथ जा सकते हैं।
- केदारनाथ: बद्रीनाथ से केदारनाथ की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है। आप बस या टैक्सी से केदारनाथ जा सकते हैं।
- गंगोत्री: केदारनाथ से गंगोत्री की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है। आप बस या टैक्सी से गंगोत्री जा सकते हैं।
- यमुनोत्री: गंगोत्री से यमुनोत्री की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है। आप बस या टैक्सी से यमुनोत्री जा सकते हैं।
चार धाम यात्रा का महत्व – Importance of Char Dham Yatra
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह यात्रा आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करने का एक तरीका है। चार धाम यात्रा के दौरान आप चारों धामों के देवताओं के दर्शन करते हैं। इन देवताओं की पूजा करने से आपको आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। चार धाम यात्रा एक जीवन बदलने वाला अनुभव हो सकता है। यह यात्रा आपको आध्यात्मिक रूप से विकसित होने और अपने जीवन का उद्देश्य खोजने में मदद कर सकती है।
चार धाम यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज – Document for Char Dham
चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है। पंजीकरण के लिए, आपको अपने आधार कार्ड या अन्य वैध पहचान पत्र की एक प्रति, एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर और 500 रुपये का शुल्क देना होगा।
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कैसे करें – register for char dham yatra
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करने के लिए, आपको उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर, आपको “चार धाम यात्रा पंजीकरण” लिंक पर क्लिक करना होगा। पंजीकरण फॉर्म भरने के लिए, आपको निम्नलिखित जानकारी प्रदान करनी होगी:-
- अपना नाम
- अपना पता
- अपना जन्मदिन
- अपना मोबाइल नंबर
- अपना ईमेल पता
- अपना आधार कार्ड या अन्य वैध पहचान पत्र की एक प्रति अपलोड करना है
- एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर अपलोड करना है
पंजीकरण फॉर्म भरने के बाद, आपको 500 रुपये का शुल्क ऑनलाइन भुगतान करना होगा। शुल्क भुगतान करने के बाद, आपका पंजीकरण पूरा हो जाएगा। रजिस्ट्रेशन करने के लिए Click करे |
चार धाम यात्रा मंदिर का कपाट खुलने एवं बंद होने का समय
यदि आप चार धाम यात्रा का प्लान बना रहें हैं तो चार धाम यात्रा के समय मंदिर का कपाट खुलने एवं बंद होने का समय निचे दिया गया है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है |
धाम का नाम | खुलने का समय | बंद होने का समय |
बद्रीनाथ धाम | 27 अप्रैल 2023 | 20 नवम्बर 2023 |
केदारनाथ धाम | 25 -26 अप्रैल 2023 | 14 नवम्बर 2023 |
गंगोत्री धाम | 22 अप्रैल 2023 | 14 नवम्बर 2023 |
यमुनोत्री धाम | 22 अप्रैल 2023 | 14 नवंबर 2023 |
FAQ (चार धाम यात्रा के लिए अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) :-
4 धाम यात्रा कितने दिन में पूरी करनी है?
चार धाम यात्रा की औसत अवधि 10 से 12 दिन होती है। यह यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री होते हुए वापस हरिद्वार लौटती है। चार धाम यात्रा की दूरी लगभग 1,200 किलोमीटर है। इस यात्रा में पैदल, घोड़े या बस से यात्रा की जा सकती है। पैदल यात्रा करने में सबसे अधिक समय लगता है, जबकि बस से यात्रा करने में सबसे कम समय लगता है।
चार धाम यात्रा में कौन कौन सी जगह आती है? – Char dham name
चार धाम यात्रा चार पवित्र स्थलों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – की यात्रा है।
चार धाम यात्रा में कितना खर्च आता है?
चार धाम यात्रा का खर्च आपकी यात्रा की अवधि, यात्रा की सुविधाओं और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, चार धाम यात्रा का खर्च लगभग ₹30,000 से ₹50,000 तक होता है।
मुझे सबसे पहले किस धाम के दर्शन करने चाहिए?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है। यमुनोत्री हिंदू धर्म में पवित्र नदी यमुना का उद्गम स्थल है। यह माना जाता है कि यमुना देवी के दर्शन करने से पहले यमुना के उद्गम स्थल के दर्शन करना चाहिए।
4 धाम क्यों प्रसिद्ध है?
4 धाम प्रसिद्ध हैं क्योंकि ये हिंदू धर्म के चार सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से हैं। इन चार धामों को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है।
चार धाम किस राज्य में है?
चार धाम भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं।
चार धाम की यात्रा कैसे बुक करें?
चार धाम की यात्रा का पैकेज बुक करने के लिए Click करे |
चारों धाम की यात्रा कैसे की जाए?
चारों धाम की यात्रा करने के कई तरीके हैं। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार यात्रा का तरीका चुन सकते हैं। चारों धाम की यात्रा के लिए निम्नलिखित तरीके उपलब्ध हैं:
- पैदल यात्रा: यह सबसे पारंपरिक तरीका है। यह यात्रा लगभग 10 से 12 दिन लंबी होती है।
- बस से यात्रा: यह सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका है। यह यात्रा लगभग 5 से 6 दिन लंबी होती है।
- हेलीकॉप्टर से यात्रा: यह सबसे तेज तरीका है। यह यात्रा लगभग 2 से 3 दिन लंबी होती है।
चार धाम VIP दर्शन पुजा कैसे बुक करें?
चार धाम VIP दर्शन पुजा बुक करने के लिए आपको उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर, आपको “पुजा बुकिंग” लिंक पर Click करना होगा।
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को चार धाम में घूमने की जगह (Char dham Me Ghumne ki Jagah) (tourist places in char dham) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख के सम्बन्ध में कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आपके द्वारा दिए गए comment का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |
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नोट: यह ब्लॉग पोस्ट चार धाम के प्रति मेरी आत्मीय भावनाओं का प्रतिबिंब है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है |