भारत के 12 ज्योतिर्लिंग (12 jyotirlinga in India) भारत धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहाँ कई पवित्र स्थल हैं जो हिन्दू धर्म के आदर्शों और महत्वपूर्ण देवी-देवताओं के अवतार के रूप में माने जाते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण स्थल है “ज्योतिर्लिंग”, जिन्हें भगवान शिव के पवित्र रूपों के रूप में जाना जाता है। यहाँ भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में विस्तार से जानते हैं |
12 ज्योतिर्लिंग के नाम और जगह – 12 jyotirlinga name with place
आज के इस ब्लॉग पोस्ट मे हम आपको 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और वे भारत मे किस जगह स्थित है (12 jyotirlinga name with place) इसके बारे मे हम विस्तार से बताएँगे तो कृपया पुरा आर्टिकल आराम से पढ़िए |
Tour Guide
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात – Somnath Jyotirlinga, Gujarat
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले में स्थित है, जो गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह स्थल गिर वन्यजीव अभयारण्य के पास स्थित है और अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। इस स्थल पर सूर्यवंशी राजा भीमदेव I ने 10वीं शताब्दी में सोमनाथ मंदिर की नींव रखी थी, जो बाद में विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ। सोमनाथ मंदिर का निर्माण चालुक्य वंश के राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा कराया गया था। मंदिर की शैली गुजराती वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है और इसकी भव्यता देखने लायक है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को श्रीमद्भागवत में उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने सोमनाथ क्षेत्र में द्वारका के विनाश के पश्चात् समुद्र के किनारे स्थित इस स्थल में प्रवेश किया था। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (1) पहला ज्योतिर्लिंग है |
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश – Mallikarjuna Jyotirlinga, Andhra Pradesh
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम नामक स्थान पर स्थित है, जो पश्चिम गोदावरी नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल आंध्र प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के पवित्र रूप मल्लिकार्जुन के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर अनेक पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिसमें भगवान शिव और पार्वती के विवाह का वर्णन आता है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के पास स्थित मल्लिकार्जुन मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह विशेषतः आंध्र प्रदेश की स्थानीय वास्तुकला की द्रष्टि से महत्वपूर्ण है और यहाँ के मंदिर की आराम्भिक निर्माण तिथि चालुक्य वंश के अधीन हुई थी। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव के पवित्र रूपों का प्रतीक माना जाता है और यहाँ पर विभिन्न पूजा और आराधना के आयोजन होते हैं। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (2) दूसरा ज्योतिर्लिंग है |
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्यप्रदेश – Mahakaleshwar Jyotirling, Madhya Pradesh
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन नगर में स्थित है, जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के पवित्र रूप महाकालेश्वर के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिसमें भगवान शिव की महाकालेश्वर रूप में वामन पुराण और कुमारिक खण्ड में वर्णन आता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित महाकालेश्वर मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ के मंदिर की वास्तुकला और भूमिगत वास्तु का विशेष महत्व है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को वामन पुराण में उल्लेख किया गया है, जिसमें भगवान शिव का महाकाल रूप और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (3) तीसरा ज्योतिर्लिंग है |
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्यप्रदेश – Omkareshwar Jyotirlinga, Madhya Pradesh
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के कांचीनाथन नगर में स्थित है, जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के पवित्र रूप ओंकारेश्वर के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिसमें भगवान शिव की ओंकारेश्वर रूप में उपस्थिति का वर्णन आता है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को कोटिरुद्र पुराण में उल्लेख किया गया है, जिसमें ओंकारेश्वर रूप के भगवान शिव के महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (4) चौथा ज्योतिर्लिंग है |
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड – Kedarnath Jyotirlinga, Uttarakhand
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के चामोली जिले में स्थित है, जो हिमालय की गोदावरी नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है और भगवान शिव के पवित्र रूप केदारनाथ के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर महाभारत के युद्ध कांड में भगवान शिव ने पांडवों का दर्शन किया था और उनकी मन्नतों को पूरा करने का आशीर्वाद दिया था। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के पास स्थित केदारनाथ मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग को महाभारत के युद्ध कांड में उल्लेख किया गया है, जिसमें भगवान शिव का पांडवों के साथ संवाद और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (5) पाँचवा ज्योतिर्लिंग है |
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र – Bhimashankar Jyotirlinga, Maharashtra
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है, जो सह्याद्री पर्वतमाला के शिखरों में स्थित है। यह स्थल महाराष्ट्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के पवित्र रूप भीमाशंकर के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर भगवान शिव की कई पुराणिक कथाएं उल्लेखित हैं, जिनमें उनके महत्वपूर्ण लीलाएँ और उनकी आद्याशक्ति का वर्णन आता है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित भीमाशंकर मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के आस-पास कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिनमें भगवान शिव की लीलाएँ और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (6) छट्ठा ज्योतिर्लिंग है |
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश – Kashi Vishwanath Jyotirlinga, Uttar Pradesh
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी नगर में स्थित है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है और भगवान शिव के पवित्र रूप काशी विश्वनाथ के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर भगवान शिव की कई पुराणिक कथाएं उल्लेखित हैं, जिनमें उनकी महत्वपूर्ण लीलाएँ और उनके पवित्रता का वर्णन आता है। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के पास स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला, धार्मिक आदर्श और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिनमें भगवान शिव की लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (7) सातवा ज्योतिर्लिंग है |
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र – Trimbakeshwar Jyotirlinga, Maharashtra
त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है, जो गोदावरी नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल महाराष्ट्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के त्र्यम्बकेश्वर रूप के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर भगवान शिव के कई पुराणिक कथाएं उल्लेखित हैं, जिनमें उनकी महत्वपूर्ण लीलाएँ और उनके पवित्रता का वर्णन आता है। त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित त्र्यम्बकेश्वर मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला, धार्मिक आदर्श और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग को कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिनमें भगवान शिव की लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (8) आठवा ज्योतिर्लिंग है |
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड – Vaidyanath Jyotirlinga, Jharkhand
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर जिले के देवघर नगर में स्थित है। यह स्थल झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के वैद्यनाथ रूप के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर भगवान शिव के कई पुराणिक कथाएं उल्लेखित हैं, जिनमें उनकी महत्वपूर्ण लीलाएँ और उनके पवित्रता का वर्णन आता है। वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के पास स्थित वैद्यनाथ मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला, धार्मिक आदर्श और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिनमें भगवान शिव की लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (9) नौवा ज्योतिर्लिंग है |
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात – Nageshwar Jyotirlinga, Gujarat
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका नगर में स्थित है। यह स्थल गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के नागेश्वर रूप के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर भगवान शिव के कई पुराणिक कथाएं उल्लेखित हैं, जिनमें उनकी महत्वपूर्ण लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके पवित्र कार्यों का वर्णन आता है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित नागेश्वर मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला, धार्मिक आदर्श और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग को कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिनमें भगवान शिव की लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (10) दसवा ज्योतिर्लिंग है |
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु – Rameshwaram Jyotirlinga, Tamil Nadu
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामेश्वरम नगर में स्थित है। यह स्थल तमिलनाडु के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के रामेश्वरम रूप के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर भगवान शिव के कई पुराणिक कथाएं उल्लेखित हैं, जिनमें उनकी महत्वपूर्ण लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके पवित्र कार्यों का वर्णन आता है। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के पास स्थित रामेश्वरम मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला, धार्मिक आदर्श और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग को कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिनमें भगवान शिव की लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (11) एगारवा ज्योतिर्लिंग है |
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र – Ghrishneshwar Jyotirlinga, Maharashtra
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के एहिमबाज गाँव में स्थित है। यह स्थल महाराष्ट्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के गृष्णेश्वर रूप के ध्यान केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस स्थल पर भगवान शिव के कई पुराणिक कथाएं उल्लेखित हैं, जिनमें उनकी महत्वपूर्ण लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके पवित्र कार्यों का वर्णन आता है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास स्थित गृष्णेश्वर मंदिर इस स्थल की मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहाँ की वास्तुकला, धार्मिक आदर्श और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। ष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग को कई पुराणों में उल्लेख किया गया है, जिनमें भगवान शिव की लीलाएँ, उनके पवित्रता का वर्णन और उनके महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन आता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मे से यह (12) बारहवा ज्योतिर्लिंग है |
ये 12 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पवित्र रूपों के रूप में माने जाते हैं और भारत में हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक हैं। यहाँ पर श्रद्धालु और धार्मिक यात्री आकर्षित होते हैं ताकि वे भगवान शिव के इन पवित्र स्थलों में पूजा-अर्चना कर सकें और आत्मा को शांति प्राप्त कर सकें।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कैसे करें क्रम में?
2 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए एक निश्चित क्रम नहीं है। हालांकि, कुछ लोग दक्षिण से उत्तर की ओर यात्रा करना पसंद करते हैं, जबकि अन्य उत्तर से दक्षिण की ओर यात्रा करना पसंद करते हैं। दक्षिण से उत्तर की ओर यात्रा करने वाले 12 ज्योतिर्लिंगों का क्रम इस प्रकार है: –
- सोमनाथ, गुजरात
- मल्लिकार्जुन, आंध्र प्रदेश
- महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश
- ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश
- केदारनाथ, उत्तराखंड
- भीमशंकर, महाराष्ट्र
- त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र
- वैद्यनाथ, झारखंड
- रामेश्वरम, तमिलनाडु
- नागेश्वर, गुजरात
- विश्वनाथ, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
- घृष्णेश्वर, महाराष्ट्र
12 ज्योतिर्लिंग देखने में कितने दिन लगते हैं?
12 ज्योतिर्लिंगों को देखने में कम से कम 20 दिन लगते हैं। यह समय यात्रा की गति, रुकने और यात्रा करने के तरीके पर निर्भर करता है। यदि आप बस ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना चाहते हैं, तो आप हवाई जहाज या ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं। इस मामले में, आपको प्रत्येक ज्योतिर्लिंग के लिए लगभग 1 दिन की आवश्यकता होगी। यदि आप अधिक समय लेना चाहते हैं और ज्योतिर्लिंगों के आसपास के क्षेत्रों को भी देखना चाहते हैं, तो आपको अधिक समय की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 20 दिन हैं, तो आप निम्नलिखित यात्रा कार्यक्रम का पालन कर सकते हैं:
- दिन 1-3: सोमनाथ, गुजरात
- दिन 4-6: मल्लिकार्जुन, आंध्र प्रदेश
- दिन 7-9: महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश
- दिन 10-12: ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश
- दिन 13-15: केदारनाथ, उत्तराखंड
- दिन 16-18: भीमशंकर, महाराष्ट्र
- दिन 19-20: त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र
यह यात्रा कार्यक्रम आपको प्रत्येक ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए पर्याप्त समय देगा, साथ ही साथ आसपास के क्षेत्रों को भी देखने के लिए समय देगा।
मुझे सबसे पहले किस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना चाहिए?
आपको सबसे पहले सोमनाथ के दर्शन करने चाहिए। सोमनाथ को 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला माना जाता है। यह गुजरात के प्रभास पाटन में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है |
12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने में कितना खर्च आता है?
12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने में आने वाला खर्च आपकी यात्रा की योजना पर निर्भर करता है। एक अनुमान के मुताबिक, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने में कम से कम 1 लाख रुपये का खर्च आता है। यह खर्च आपकी यात्रा की योजना और बजट पर निर्भर करता है।
ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए स्पेशल ट्रेन कौन सी है?
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) द्वारा संचालित ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए कई स्पेशल ट्रेनें हैं। इन ट्रेनों में यात्रियों को ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए एक सुविधाजनक और किफायती विकल्प मिलता है।
कुछ लोकप्रिय ज्योतिर्लिंग दर्शन स्पेशल ट्रेनें हैं:
- ज्योतिर्लिंग दर्शन विशेष ट्रेन: यह ट्रेन भारत के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराती है। ट्रेन की यात्रा अवधि लगभग 20 दिन है।
- 7 ज्योतिर्लिंग दर्शन विशेष ट्रेन: यह ट्रेन भारत के 7 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराती है। ट्रेन की यात्रा अवधि लगभग 12 दिन है।
- 4 ज्योतिर्लिंग दर्शन विशेष ट्रेन: यह ट्रेन भारत के 4 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराती है। ट्रेन की यात्रा अवधि लगभग 7 दिन है।
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को 12 ज्योतिर्लिंगों में घूमने की जगह (12 Jyotirlinga Ghumne ki Jagah) (tourist places in 12 Jyotirlinga) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख के सम्बन्ध में कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आपके द्वारा दिए गए comment का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |
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नोट: यह ब्लॉग पोस्ट ज्योतिर्लिंग के प्रति मेरी आत्मीय भावनाओं का प्रतिबिंब है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है।