Jabalpur Tourist Places :- मध्य प्रदेश का जबलपुर शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा एक खूबसूरत शहर है। यह शहर अपने प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक महत्व के स्थानों के लिए प्रसिद्ध है।
जबलपुर में घूमने की जगह – Visit Places in Jabalpur, Madhya pradesh
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको जबलपुर के टूर पे ले चलेंगे और बताएँगे के जबलपुर में घुमने कि कौन कौन से जगह है और वहाँ क्या खास है तो हमारे इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक पढ़े और जानते जबलपुर क्यों खास और जबलपुर में घुमने कि जगह में फेमस क्या है निचे दीया गया है :-
Tour Guide
बैलेंसिंग रॉक
बैलेंसिंग रॉक जबलपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह पत्थर लगभग 50 फीट ऊंचा और 10 फीट चौड़ा है। यह पत्थर एक छोटे से पहाड़ के किनारे पर स्थित है और इसके नीचे एक गहरी खाई है। यह पत्थर इतना संतुलन में खड़ा है कि उसे हाथों से भी नहीं हिलाया जा सकता। बैलेंसिंग रॉक का निर्माण कैसे हुआ, यह अभी भी एक रहस्य है। कुछ लोगों का मानना है कि यह पत्थर प्राकृतिक रूप से बना है, जबकि अन्य का मानना है कि इसे मानव निर्मित किया गया है। इस पत्थर के बारे में कई किंवदंतियां भी हैं। एक किंवदंती के अनुसार, इस पत्थर को एक जादूगर ने अपने जादू से बनाया था। यह जबलपुर में प्रमुख पर्यटन स्थल है |
पिसानहरी की मडिया
पिसानहरी की मडिया जबलपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस मंदिर में भगवान आदिनाथ, भगवान पार्श्वनाथ और भगवान महावीर की तीन विशालकाय मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों की ऊंचाई लगभग 30 फीट है। इन मूर्तियों को सोने, चांदी और अन्य कीमती पत्थरों से सजाया गया है। जबलपुर का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है |
डुमना नेचर रिजर्व पार्क
डुमना नेचर रिजर्व पार्क जबलपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है। इस पार्क में हिरण, मोर, मगरमच्छ, बंदर और अन्य कई जानवर पाए जाते हैं। यह पार्क पक्षियों की भी एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां लगभग 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। डुमना नेचर रिजर्व पार्क में एक छोटा सा वन्यजीव सफारी ट्रेन भी है, जो आगंतुकों को पार्क के अंदर घूमने का मौका देती है। इस ट्रेन से आप पार्क के जंगलों और वन्यजीवों को करीब से देख सकते हैं। यह जबलपुर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है |
रानी दुर्गावती संग्रहालय
रानी दुर्गावती संग्रहालय की स्थापना 1964 में की गई थी। इस संग्रहालय में रानी दुर्गावती के जीवन और शासनकाल से संबंधित कई दुर्लभ वस्तुएं और चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें रानी दुर्गावती की मूर्ति, उनके हथियार और उनके समय के अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं शामिल हैं। इसके अलावा, इस संग्रहालय में मध्य प्रदेश के इतिहास और संस्कृति से संबंधित अन्य कई वस्तुएं भी प्रदर्शित की गई हैं। इनमें प्राचीन मूर्तियां, शिलालेख, सिक्के, और अन्य कलाकृतियां शामिल हैं। यह जबलपुर का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है |
कान्हा टाइगर रिजर्व
कान्हा टाइगर रिजर्व जबलपुर शहर से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित है। यह अभयारण्य 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस अभयारण्य में बाघों के अलावा कई अन्य वन्यजीव भी पाए जाते हैं, जिनमें हाथी, तेंदुआ, हिरण, भालू, और अन्य शामिल हैं। यह अभयारण्य पक्षियों की भी एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां लगभग 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। कान्हा टाइगर रिजर्व एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यहां आने वाले लोग वन्यजीवों को देखने और अभयारण्य के प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए आते हैं। कान्हा टाइगर रिजर्व घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून के बीच होता है। इस समय यहां का मौसम सुहावना रहता है और वन्यजीवों को देखने की संभावना अधिक होती है। यह जबलपुर का Must Visit Place है |
भवरताल उद्यान
भवरताल उद्यान जबलपुर शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है। यह उद्यान 120 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस उद्यान में कई तरह के पेड़-पौधे और फूल पाए जाते हैं। यह उद्यान पक्षियों की भी एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां लगभग 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। भवरताल उद्यान में कई तरह के मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हैं। यहां एक चिड़ियाघर, एक नाव हाउस, एक झूलाघर, और एक बच्चों का पार्क है। यह उद्यान पिकनिक के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है। भवरताल उद्यान घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम का होता है। यह जबलपुर का खुबसुरत जगह है |
चौसठ योगिनी मंदिर
चौसठ योगिनी मंदिर जबलपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में कलचुरि राजवंश द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर में 64 छोटे-छोटे मंदिर हैं, जिनमें देवी योगिनियों की मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों को बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। मंदिर के केंद्र में एक बड़ा मंदिर है, जिसमें भगवान शिव और पार्वती की मूर्तियां हैं। चौसठ योगिनी मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यहां आने वाले लोग मंदिर की वास्तुकला और धार्मिक महत्व का आनंद लेने के लिए आते हैं। यह जबलपुर का धार्मिक स्थल है |
ग्वारीघाट
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें से एक है ग्वारीघाट। यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान अपने प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। ग्वारीघाट जबलपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह स्थान नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां नर्मदा नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। ग्वारीघाट एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। यहां कई मंदिर और मठ हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध है ग्वारीघाट गुरुद्वारा। यह गुरुद्वारा सिखों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां गुरु नानक देव जी ने नर्मदा नदी में स्नान किया था। यह जबलपुर का एतेहासिक स्थल है |
संग्राम सागर झील
संग्राम सागर झील जबलपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यह झील 220 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील में कई तरह के जलीय जीव पाए जाते हैं, जिनमें मछली, कछुआ, और अन्य शामिल हैं। यह झील पक्षियों की भी एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां लगभग 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। संग्राम सागर झील में कई तरह के मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हैं। यहां एक बोटिंग क्लब है, जहां से आप झील में बोटिंग कर सकते हैं। यहां एक नाव हाउस भी है, जहां से आप झील का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। यह झील पिकनिक के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है। यह जबलपुर का खुबसुरत दर्शनीय झील है |
तिलवारा घाट
तिलवारा घाट जबलपुर शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित है। यह घाट नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह घाट अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां महात्मा गांधी के पार्थिव शरीर को उनकी मृत्यु के बाद विसर्जित किया गया था। घाट पर एक स्मारक भी है, जिसमें महात्मा गांधी की प्रतिमा है। तिलवारा घाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां नर्मदा नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। घाट के पास एक पहाड़ी है, जिस पर एक मंदिर है। मंदिर से नर्मदा नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यह जबलपुर का प्रसिद्ध घाट है |
कचनार सिटी शिव मंदिर
कचनार सिटी शिव मंदिर जबलपुर शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर 1992 में बना था। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण 23 मीटर ऊंचा शिवलिंग है, जो भारत का सबसे ऊंचा शिवलिंग है। शिवलिंग का निर्माण ग्रेनाइट पत्थर से किया गया है। मंदिर में भगवान शिव की अन्य प्रतिमाएं भी हैं। कचनार सिटी शिव मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यहां आने वाले लोग शिवलिंग की विशालकाय आकृति और मंदिर की सुंदरता का आनंद लेने के लिए आते हैं। यह जबलपुर का लोकप्रिय धार्मिक स्थल है |
बरगी बांध
बरगी बांध जबलपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है। यह बांध 1961 में बना था। यह बांध 125 मीटर ऊंचा और 1200 मीटर लंबा है। यह बांध नर्मदा नदी पर स्थापित 14 बांधों में से एक है। बरगी बांध अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां नर्मदा नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। बांध के आसपास कई पहाड़ियां और जंगल हैं। यह बांध पिकनिक के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है। बरगी बांध जलीय गतिविधियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां बोटिंग, राफ्टिंग, और अन्य जलीय खेलों का आनंद लिया जा सकता है। यह जबलपुर का लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है |
मार्बल रॉक्स
मार्बल रॉक्स जबलपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। यह स्थान नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थान अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां नर्मदा नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। मार्बल रॉक्स चट्टानों के अनोखे आकार के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की चट्टानें संगमरमर की बनी हुई हैं। इन चट्टानों के आकार बहुत ही अजीब और विचित्र हैं। यहां कुछ चट्टानें एक-दूसरे के ऊपर खड़ी हैं, जबकि कुछ चट्टानें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। यह जबलपुर का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है |
मधन महल किला
मधन महल किला जबलपुर शहर से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है। यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस किले का निर्माण गोंड राजा मदन सिंह ने करवाया था। यह किला रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ है, जो कि एक बहादुर गोंड रानी के रूप के जानी जाती हैं। मधन महल किला खंडहर में तब्दील हो चुका है, लेकिन फिर भी यहां आप शाही परिवार का मुख्य कक्ष, युद्ध कक्ष, छोटा सा जलाशय और अस्तबल देख सकते हैं। किले की दीवारों पर सुंदर चित्रकारी भी है। यह जबलपुर का दर्शनीय स्थल है |
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को जबलपुर में घूमने की जगह (jabalpur Me Ghumne ki Jagah) (tourist places in jabalpur) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
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नोट: यह ब्लॉग पोस्ट जबलपुर के प्रति मेरी आत्मीय भावनाओं का प्रतिबिंब है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है।