Nashik Tourist Places :- नाशिक, महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर है जो अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह शहर गोदावरी नदी के किनारे बसा है और यहां कई प्राचीन मंदिर, गुफाएं और अन्य पर्यटन स्थल हैं। नाशिक में घूमने के लिए कई अच्छी जगहें हैं |
नाशिक में घूमने लायक जगह – Visit places in Nashik
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको नाशिक में घुमने कि जगह और वहाँ क्या खास है के बारे में बताएँगे तो चलिए नाशिक के सैर पे चलते हैं और जानते है नाशिक के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौन कौन है :-
Ghumne ki jagah
मुक्तिधाम मंदिर
मुक्तिधाम मंदिर एक संगमरमर का मंदिर है जो भगवान शिव, कृष्ण, राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, दुर्गा और गणेश सहित कई हिंदू देवताओं को समर्पित है। यह मंदिर नासिक के बाहरी इलाके में स्थित है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर का निर्माण 1971 में किया गया था और यह राजस्थानी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के अंदर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिमाएं हैं, जो हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से हैं। मंदिर परिसर में एक कृष्ण मंदिर भी है, जिसमें भगवान कृष्ण के जीवन और महाभारत के दृश्यों को चित्रित करने वाली पेंटिंग्स हैं। यह नाशिक मे प्रमुख पर्यटन स्थल है |
श्री कालाराम मंदिर
श्री कालाराम मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान राम को समर्पित है। यह मंदिर नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। मंदिर का निर्माण 1782 में पेशवा के सरदार रंगराव ओढ़ेकर द्वारा किया गया था। मंदिर का नाम इसकी काले पत्थर से बनी भगवान राम की मूर्ति के कारण पड़ा है। मंदिर की चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं। महाद्वार से प्रवेश करने पर भव्य सभामंडप नजर आता है, जिसकी ऊँचाई 12 फीट होने के साथ यहाँ चालीस खंभे है। यहाँ विराजमान हनुमान मंदिर में वे अपने आराध्य राम के चरणों की ओर देखते हुए प्रतीत होते हैं। यह नासिक का दर्शनीय स्थल है |
सीता गुफा
सीता गुफा एक प्राचीन गुफा है जो नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। यह गुफा हिंदू धर्म के महाकाव्य रामायण से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि सीता माता ने इस गुफा में 14 वर्षों के वनवास के दौरान भगवान राम और लक्ष्मण के बिना समय बिताया था। गुफा छोटी है, लेकिन यह बहुत ही सुंदर है। गुफा के अंदर एक शिवलिंग है, जो भगवान शिव को समर्पित है। गुफा के बाहर पांच बरगद के पेड़ हैं, जिन्हें पंचवटी के नाम से जाना जाता है। यह नाशिक मे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है |
पांडव लेनी गुफाएं
पांडव लेनी गुफाएं एक प्राचीन बौद्ध गुफा परिसर है जो नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। यह गुफा परिसर दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर चौथी शताब्दी ईस्वी तक के समय में बनाया गया था। गुफा परिसर में कुल 24 गुफाएं हैं, जिनमें चैत्य, विहार और अन्य धार्मिक स्थल शामिल हैं। गुफाओं की दीवारों पर बौद्ध धर्म के विभिन्न विषयों पर नक्काशी और चित्रकारी की गई है। पांडव लेनी गुफाएं एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल हैं। ये गुफाएं बौद्ध धर्म के विकास और प्रसार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं। यह नाशिक का एतेहशिक स्थल है |
सुला वाइनयार्ड्स
सुला वाइनयार्ड्स एक प्रसिद्ध वाइनरी है जो नासिक के पास ही स्थित है। यह वाइनरी महाराष्ट्र की सबसे बड़ी वाइनरी है और यहां कई प्रकार की वाइन बनाई जाती हैं। सुला वाइनयार्ड्स एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां पर्यटक वाइन की सैंपलिंग कर सकते हैं, वाइनरी के बारे में जान सकते हैं और सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यह नासिक का फेमस स्थल है |
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव का एक ज्योतिर्लिंग मंदिर है जो नासिक जिले के त्र्यंबकेश्वर शहर में स्थित है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से हैं। मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था और यह हेमाडपंथी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के अंदर एक तीन-मुखी शिवलिंग है, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव के तीन देवताओं का प्रतीक है। यह नासिक मे दर्शनीय स्थल है |
श्री सप्तश्रृंगी निवासिनी देवी मंदिर
श्री सप्तश्रृंगी निवासिनी देवी मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो नासिक जिले के कळवण तालुका में स्थित है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ माना जाता है। मंदिर समुद्र तल से 4659 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह सात पहाड़ियों से घिरा हुआ है। मंदिर के अंदर देवी दुर्गा की 18 भुजाओं वाली एक प्रतिमा है, जो आठ फुट ऊंची है। श्री सप्तश्रृंगी निवासिनी देवी मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। यह नाशिक का धार्मिक स्थल है |
रामकुंड
रामकुंड एक पवित्र कुंड है जो नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। यह कुंड हिंदू धर्म के महाकाव्य रामायण से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि भगवान राम और उनकी पत्नी सीता ने वनवास के दौरान इस कुंड में स्नान किया था। कुंड गोदावरी नदी के तट पर स्थित है और यह लगभग 23 मीटर चौड़ा और 27 मीटर लंबा है। कुंड के अंदर एक शिवलिंग है, जो भगवान शिव को समर्पित है। कुंड के बाहर पांच बरगद के पेड़ हैं, जिन्हें पंचवटी के नाम से जाना जाता है। यह नाशिक का धार्मिक स्थल है |
सुंदर नारायण मंदिर
सुंदर नारायण मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है। मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था और यह हेमाडपंथी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की एक प्रतिमा है, जो 14 फुट ऊंची है।
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो नासिक के गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है। मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था और यह हेमाडपंथी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक प्रतिमा है, जो 12 फुट ऊंची है।
अंजनेरी
अंजनेरी एक पहाड़ी है जो नासिक के पास स्थित है। यह पहाड़ी हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह जगह है जहां हनुमान का जन्म हुआ था। अंजनेरी में कई मंदिर और गुफाएं हैं, जो हनुमान और अन्य हिंदू देवताओं को समर्पित हैं। यहां कई धार्मिक स्थल भी हैं, जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं। यह नाशिक का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है |
श्री कपालेश्वर महादेव मंदिर
श्री कपालेश्वर महादेव मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है। मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था और यह हेमाडपंथी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक प्रतिमा है, जो 18 फुट ऊंची है।
श्री नवश्या गणपति मंदिर
श्री नवश्या गणपति मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो नासिक के आनंदवली क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और इसे महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है। मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था और यह एक सुंदर मंदिर है। मंदिर के अंदर भगवान गणेश की एक प्रतिमा है, जो 10 फुट ऊंची है।
हरिहर किला
हरिहर किला एक पहाड़ी किला है जो नासिक के त्र्यंबकेश्वर क्षेत्र में स्थित है। यह किला 12वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह यादव वंश के शासकों द्वारा बनाया गया था। किला गोदावरी नदी के तट पर स्थित है और यह लगभग 1,200 फीट की ऊंचाई पर है। किले में कई दीवारें, बुर्ज और द्वार हैं। किले के ऊपर एक मंदिर भी है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह नाशिक का पर्यटन स्थल है |
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को नाशिक में घूमने की जगह (nashik Me Ghumne ki Jagah) (tourist places in nashik) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
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नोट: यह ब्लॉग पोस्ट नाशिक के प्रति मेरी आत्मीय भावनाओं का प्रतिबिंब है और इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है।