Udaypur Tourist Places :- उदयपुर राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसको झीलो के शहर के रूप मे भी जाना जाता है। उदयपुर राजस्थान राज्य में स्थित है और ये चारो ओर से सुंदर अरावली पहाड़ियो से घिरा हुआ है, जो इस शहर को बहुत ही खूबसूरत बनाते हैं। इस शहर मे प्राकृतिक सौंदर्य, मंदिरो और लुभावनी वास्तुकला की बहुलता है जो इसको भारत का एक खास पर्यटन स्थल बनाता है। उदयपुर शहर की पिछोला झील मे आप नाव की सवारी करके अपनी यात्रा को यादगार बना सकते है। उदयपुर घाटी मे स्थित चारो तरफ से झीलो से घिरा एक ऐसा शहर है जो अपनी भव्यता और प्राकृतिक रत्नो से दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है और उनकी यात्रा को यादगार बनाता है।
उदयपुर में प्रमुख पर्यटन स्थल – Places to visit in Udaypur
उदयपुर राजस्थान राज्य में स्थित पहाडो और जंगलो से घिरा हुआ है | यहाँ पर कई ऐसे धार्मिक और एतेहासिक पर्यटन स्थल है जिसे देखने काफी अधिक संख्या में लोग देश एवं विदेश से आते हैं | उदयपुर में वैसे तो बहुत सारे पर्यटन स्थल (Tourist places in Udaypur) है लेकिंग उनमे से प्रमुख पर्यटन स्थल जो लोगो द्वारा बहुत पसंद किया जाता है वैसे पर्यटन स्थल (Places to visit in Udaypur) के बारे में हम इस आर्टिकल में जानकारी देंगे तो चलिए अपने इस आर्टिकल में जानकारी की ओर आगे बढते हैं :-
Ghumne ki jagah
प्रताप मेमोरि़यल – Pratap Memorial, Udaypur
फतेह सागर झील के किनारे स्थित प्रताप मेमोरि़यल स्मारक भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण शासको मे से एक महाराणा प्रताप के सम्मान मे बनाया गया है। जो उदयपुर का एक प्रमुख लोकप्रिय ऐतिहासिक स्थल है, जिसका निर्माण मेवाड़ के महाराणा भगवत सिंह ने 1948 ई० मे करवाया थे। स्मारक महान राजा और वर्षों के उनके वफादार साथी घोड़ा जिसका नाम चेतक था के लिए एक श्रद्धांजलि स्थल है, जो हल्दीघाटी के युद्ध मे महाराणा प्रताप के लिए अपने बलिदान के लिए प्रसिद्ध है।
आपको बता दे महाराणा प्रताप एक कांस्य प्रतिमा के रूप मे अपने पसंदीदा पर्वत के ऊपर बैठाय गये है ,जहा वह एक भाला लेकर दुश्मनो की ओर बढ़ते हुए रूप मे प्रतिष्ठित है, जिसमे उनकी प्रतिमा 11 फीट ऊंचा है और वजय लगभग 7 टन है।
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सिटी पैलेस – City Palace, Udaypur
उदयपुर के प्रमुख आकर्षणो मे से एक शानदार महल सिटी पैलेस है जिसका निर्माण वर्ष 1559 मे राजा महाराणा उदय सिंह ने करवाया था और कुछ समय बाद महल को उनके उत्तराधिकारियो द्वारा और शानदार बनाने के लिए महल मे आंगन, मंडप, गलियारे, छतो, कमरे और लटकते उद्यान जैसे कई संरचनाए जोड़ी गई है। जहा एक संग्रहालय भी है जो राजपूत कला और संस्कृति के कुछ बेहतरीन उदहारण को प्रदर्शित करता है | जिसमे रंगीन चित्रो से लेकर राजस्थानी महलो मे पाए जाने वाले विशिष्ट स्थापत्य कला शामिल है।
पिछोला झील के किनारे ग्रेनाइट और संगमरमर की अद्भुद कला से निर्मित सिटी पैलेस सबसे बड़ा शाही महल माना जाता है। जिसमे रीगल महल की जटिल वास्तुकला मध्ययुगीन, यूरोपीय के साथ-साथ चीनी प्रभावो का एक सूक्ष्म मिश्रण है और जो कई गुंबदो, मेहराबो और टावरो और हरे भरे बगीचो से सुशोभित है। जो पर्यटको के देखने के लिए उदयपुर की सबसे आकर्षक जगहो मे से एक है। यहाँ हर शाम एक हाई टेक साउंड और लाइट शो आयोजित किया जाता है।
लेक पैलेस – Lake Palace, Udaypur
लेक पैलेस उदयपुर राजस्थान के शानदार शहर उदयपुर में स्थित है। इस महल का निर्माण महाराजा उदय सिंह ने 1559 ईस्वी में कराया था। यह महल अपनी भव्य शैली, सुंदर संरचना और स्थान के लिए विशेष प्रसिद्ध है। लेक पैलेस एक बड़ा और शानदार इमारत है, जो अधिकतर पालेसों की तरह नहीं दिखता है। यह महल लेक पिचोला के किनारे स्थित है और इसे विदेशी टूरिस्टों के बीच सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। यहाँ से आप लेक पिचोला के सारे दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ आपको सुंदर उद्यान, अद्भुत चित्रकारी और विविध स्तंभों वाले मनमोहक आँगन मिलेंगे। लेक पैलेस में आप लोगों के लिए कई खास आराम की व्यवस्थाएं हैं। यहाँ आपको उत्तम भोजन, स्विमिंग पूल, स्पा, अस्थायी टेंट वाले बेहतरीन कमरे आदि व्यवस्थाएं मिलेंगी।
जो देशी और विदेशी दोनो पर्यटको के बीच काफी लोकप्रिय है। तो अगर आप आपनी व्यस्तता भरी जिंदगी मे कुछ दिन आराम और एन्जॉय करना चाहते है तो ताज लेक पैलेस घूमने जरूर जाना चाहिए | यहाँ का दृश्य देखने में काफी आकर्षक होता है |
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जग मंदिर – Jag Mandir, Udaypur
पिछोला झील के एक द्वीप पर बना जग मंदिर एक महल है | जो झील मे तैरते संगमरमर की तरह दीखता है। जो पर्यटको के लिए अलग ही आकर्षक दृश्य बनाता है। जग मंदिर को महाराणा जगत सिंह के सम्मान मे बनाया गया था | जिसे “जगत मंदिर” और “लेक गार्डन पैलेस” के नाम से भी जाना जाता हैं। 17 वीं शताब्दी में निर्मित, यह महल 3 राजपूत शासको का संयुक्त योगदान है।
सफेद संगमरमर से बनी हाथी की प्रतिमा जग मंदिर मे आने वाले हर पर्यटक का स्वागत करती है। जग मंदिर, उदयपुर में पर्यटको के घूमने के लिए सबसे पसंदीदा जगहो मे से एक है।
मानसून पैलेस – Monsoon Palace, Udaypur
उदयपुर शहर के बाहरी इलाके में प्रसिद्ध बांसडारा पर्वत पर स्थित सज्जनगढ़ पैलेस, मेवाड़ राजवंश से संबंधित एक पूर्व शाही निवास हैं | यह महल बांसड़ारा पहाड़ियों के ऊपर बना है। जिसका निर्माण लगभग 1884 में महाराणा सज्जन सिंह के द्वारा करवाया गया था, जिन्होने सदियो तक इस स्थान पर अपना शासन किया । सज्जनगढ़ पैलेस प्रसिद्ध पिछोला झील और शहर और आसपास के क्षेत्रों के दृश्य के साथ समुद्र तल से लगभग 944 मीटर की ऊँचाई पर स्थित उदयपुर के लोकप्रिय पर्यटक स्थलो मे से एक है और आपको बता दे इस महल को मानसून पैलेस भी कहा जाता है क्योकि इसका उपयोग मेवाड़ राजाओ के लिए ग्रीष्मकालीन रिट्रीट के रूप मे किया जाता था।
अहार संग्रहालय – Ahar Museum, Udaypur Tourist Places
आहार संग्रहालय मेवाड़ के महाराणाओं के स्मारकों के प्रभावशाली समूह के निकट है। संग्रहालय में मिट्टी के बर्तनों का एक छोटा, लेकिन दुर्लभ संग्रह है। आप मूर्तियों और पुरातात्विक खोजों के माध्यम से भी ब्राउज़ कर सकते हैं, कुछ 1700 ईसा पूर्व के हैं। बुद्ध की 10वीं शताब्दी की धातु की आकृति यहां का विशेष आकर्षण है।
जगदीश मंदिर – Jagdish Temple, Udaypur
गदीश मंदिर उदयपुर के सिटी पैलेस परिसर मे स्थित एक भव्य संरचना है जो भगवान विष्णु को समर्पित हैं। इस मंदिर को भगवान लक्ष्मी – नारायण के नाम से भी जाना जाता हैं जो पूरे उदयपुर शहर मे सबसे महत्वपूर्ण मंदिरो में से एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस तीन मंजिला मंदिर का निर्माण 1651 में महाराणा जगत सिंह प्रथम ने करवाया था। जगदीश मंदिर अपनी सुंदर नक्काशी, आकर्षक मूर्तियों और शांति भरे वातावरण के कारन से पर्यटको और तीर्थयात्रियो द्वारा सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जगहो मे से एक है। आपको बता दे कि जो भी पर्यटक यहाँ आता है वो इस मंदिर की सुन्दरता और भव्यता को देखकर आश्चर्यचकित और मोहित हो जाता है।
अगर आप उदयपुर के जगदीश मंदिर के दर्शन के लिए जाने की योजना बना रहे है या इस मंदिर के बारे मे और भी जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए खास साबित हो सकता है |
फ़तेह सागर झील – Fateh Sagar Lake, Udaypur
फतेह सागर झील उदयपुर के उत्तर-पश्चिम और पिछोला झील के उत्तर मे स्थित एक बहुत ही शानदार झील है जो इस शहर के सबसे खास पर्यटन स्थलो मे से एक है। अरावली पहाड़ियो से घिरे शहर उदयपुर में यह दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। यह झील अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती है और अपने शांत वातावरण से यहाँ आने वाले पर्यटको को एक अद्भुद शांति का एहसास कराती है। यहा मोती मगरी रोड पर पर्यटक गाड़ी से फतेह सागर झील की परिधि मे आसानी से जा सकता हैं और यहाँ से पूरी झील के आकर्षक नजारे को देख सकते हैं। इस खास पर्यटन स्थल मे दोपहर मे शांत सुंदरता का आनंद लेने के बाद आप इसके अलवा बोटिंग भी कर सकते है और यहाँ पर्यटको के लिए उपलब्ध अन्य पानी के खेलो मे भी भाग ले सकते है।
फतेह सागर झील शहर की शहर की चार झीलो मे से एक होने की वजह से यहा पर पर्यटको की काफी भीड़ रहती है। इस जगह पर लोग नीले पानी मे बोटिंग का मजा लेने और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को देखने जरुर आते है। तो यहाँ आपको जरुर जाना चाहिए क्योकि फतेह सागर झील की प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षण ने इसको एक खास पर्यटन स्थल बना दिया हैं।
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पिछोला झील – Lake Pichola, Udaypur
पिछोला झील एक मानव निर्मित कृत्रिम झील है जो राजस्थान राज्य के उदयपुर शहर केन्द्र मे स्थित है। पिछोली एक गाँव का नाम था जिसने झील को अपना नाम दिया। यह झील शहर की सबसे बड़ी और पुरानी झीलो मे से एक है। पिछोला झील यहा आने वाले लाखो पर्यटको को अपनी शांति और सुंदरता वजह से आकर्षित करती है। यह पहाड़ियों, इमारतो और विभिन्न स्नान घाटो से घिरी यह जगह शांति और प्रकृति प्रेमियो के लिए स्वर्ग के सामान है। अगर आप यहाँ घूमने के लिए जा रहे है तो यहा नाव की सवारी के बिना इस झील की यात्रा अधूरी है। सूर्यास्त के आसपास झील में नाव की सवारी से झील और सिटी पैलेस का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। क्योंकि यहां इस समय ऐसा लगता है कि मानो पूरी जगह सुनहरे रंग मे डूबी हुई है।
यहा का मनमोहक दृश्य आपको एक अलग ही दुनिया मे ले जायेगा और आपको रोमांटिक बना देगा। इस खूबसूरत जगह पर आप अपने परिवार वालो के अलावा अपने दोस्तो के साथ भी यात्रा कर सकते है।
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सहेलियों-की-बारी – Saheliyon Ki Bari, Udaypur
सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon Ki Bari) राजस्थान के उदयपुर शहर एक राजसी उद्यान (Garden) है, जिसे गार्डन या मैडेस के आंगन के रूप मे भी जाना जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, कि इसका निर्माण महाराजा संग्राम सिंह से शादी के बाद राजकुमारी के साथ आने वाली युवतियो के लिए करवाया था। रानी की सहेलियो की बाड़ी उदयपुर मे फतेह सागर झील के किनारे स्थित है। इस गार्डन मे एक छोटे से संग्रहालय के साथ, इसमें संगमरमर के हाथी, फव्वारे, कियोस्क और कमल पूल, हरे-भरे लॉन, कैनोपिड वॉकिग लेन और शानदार फव्वारे जैसे कई आकर्षण हैं। सहेलियो की बाड़ी उदयपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहाँ एक देखने लायक जगह है। इस गार्डन का इतिहास, पारंपरिक वास्तुकला और शाही संरचना दुनिया भर से उदयपुर शहर घूमने आने वाले लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
बर्ड पार्क गुलाब बाग – Bird Park Gulab Bagh, Udaypur
5.11 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ गुलाब बाग और जू उदयपुर का सबसे लोकप्रिय व सबसे बड़ा उद्यान है जिसमे गुलाबो की असंख्य प्रजातियाँ दिखाई देती है। आपको बता दे कि बगीचो से थोड़ी दूर बगीचे के भीतर मिनी चिड़ियाघर है हालाकि इस चिड़ियाघर मे बहुत कम संख्या मे जानवरो की प्रजातिया पाई जाती है लेकिन फिर भी यह एक आकर्षक पर्यटक स्थल बना हुआ है जहा घूमने के लिए पर्याप्त जगह है और बच्चे टॉय ट्रेन जैसी मनोरंजक गतिविधियो का लुफ्त उठा सकते है। इसके अलावा इसके पास एक बड़ा जल निकाय है, जिसे कमल तलाई कहा जाता है। यह एक आकर्षण का केंद्र है |
सुखाड़िया सर्कल – Sukhadia Circle, Udaypur
सुखाड़िया सर्कल उदयपुर के उत्तर में स्थित है। इसमें एक छोटा तालाब शामिल है जिसमें 21 फुट लंबा, तीन-स्तरीय संगमरमर का फव्वारा भी है। खूबसूरती से नक्काशीदार रूपांकनों से सजाया गया, फव्वारा को रात में जब जलाया जाता है तो यह शानदार दृश्य दिखता है। फव्वारा बगीचों से घिरा हुआ है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है |
भारतीय लोक कला मंडल – Bhartiya Lok kala Mandal, Udaypur
भारतीय लोक कला मंडल राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की लोक कला, संस्कृति, गीत और त्योहारों के अध्ययन के लिए समर्पित एक सांस्कृतिक संस्थान है। लोक संस्कृति के प्रचार के अलावा, इसमें एक संग्रहालय भी है जो राजस्थानी संस्कृति के विभिन्न कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है।
बागोर-की-हवेली – Bagore Ki Haveli, Udaypur Tourist Places
उदयपुर के गणगौर घाट पर स्थित बागोर-की-हवेली एक भव्य महल है | मेवाड़ के प्रधान मंत्री अमर चंद बडवा ने इसे 18वीं शताब्दी में बनवाया था। जिसमे सौ से अधिक कमरो से बनी हवेली जो दर्पण और कांच के कामो से विस्तृत है। जहा रानी का कमरा सबसे लोकप्रिय है जिसमे दो सुंदर कांच, मोर, और दर्पण की मूर्तियाँ प्रदर्शित करता है। हवेली को अंततः एक संग्रहालय मे बदल दिया गया है जो न केवल नियमित पर्यटको बल्कि इतिहास प्रेमियो और संस्कृति खोजकर्ताओ के लिए प्रमुख स्थल बना हुआ है। इसके अलावा हवेली का मुख्य आकर्षण लोकप्रिय धरोहर डांस शो हैं जो हर शाम यहाँ आयोजित किया जाता है जो राजस्थान की संस्कृति और लोक परंपरा को दर्शाता हैं।
शिल्पग्राम – Shilpgram, Udaypur Tourist Places
उदयपुर से 7 किलोमीटर पश्चिम में फ़तेह सागर झील के पास शिल्पग्राम स्थित है जहाँ आयोजित होने वाला शिल्पग्राम मेला राजस्थान के प्रमुख मेले और त्यौहारो मे एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 70 एकड़ में फैला, और अरावली से घिरा, ग्रामीण कला और शिल्प परिसर को पश्चिम क्षेत्र के लोक और जनजातीय लोगों की जीवन शैली को चित्रित करने के लिए एक जीवित संग्रहालय के रूप में माना गया है। यह मूल रूप से एक हस्तशिल्प मेला है जिसमे विभिन्न प्रकार के हाथ से बुने हुए कपड़े, कढ़ाई, दर्पण के काम, हस्तशिल्प दिखाए जाते है। मेले के आयोजन के पीछे केद्रीय उत्पादन को बढ़ाने और राजस्थान के लघु उद्योगो को प्रोत्साहित करने की एक पहल है। उदयपुर का शिल्पग्राम शिल्प मेला स्थानीय लोगो को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान भी करता है। शिल्पग्राम शिल्प मेला मे कई वस्तुएं को प्रदर्शित किया जाता है जिनमे हाथ से बुने हुए कपड़े और चमड़े की वस्तुएं शिल्पग्राम मेले की प्रसिद्ध व लोकप्रिय वस्तुए है, और यहा पर्यटको को मेले मे चमड़े के सामान और कपड़े की बुनाई की प्रक्रिया को देखने का अवसर मिलता है। जो भारतीय और खासकर विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है जिसमे प्रत्येक बर्ष हजारो पर्यटक शामिल होते है।
उदय सागर झील – Udai Sagar Lake, Udaypur
उदयपुर के पूर्व मे लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उदय सागर झील उदयपुर की पाँच अनोखी झीलो मे से एक है | उदयपुर से लगभग 13 किलोमीटर पूर्व मे स्थित इस झील का निर्माण 1559 मे महाराणा उदय सिंह ने शुरू करवाया था। झील वास्तव मे महाराणा के राज्य को पर्याप्त पानी की आपूर्ति करने के लिए बेड़च नदी पर बने एक बांध का परिणाम है। आपको बता दे कि उदय सागर झील झील 4 किलोमीटर लंबी, 2.5 किलोमीटर चौड़ी और लगभग 9 मीटर गहरी है, जो उदयपुर की यात्रा करने वाले पर्यटको के लिए लोकप्रिय जगह है। यदि आप भी उदयपुर मे घूमने के लिए अच्छी जगहे की तलाश मे है तो आप उदय सागार झील को घूमने जा सकते है।
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दूध तलाई झील – Doodh Talai Lake, Udaypur
पिछोला झील तक आगंतुकों को ले जाने वाली सड़क का एक और लोकप्रिय गंतव्य है – दूध तलाई झील। झील कई छोटी पहाड़ियों के बीच बसी हुई है जो अपने आप में पर्यटको के आकर्षण का केंद्र हैं। दीन दयाल उपाध्याय पार्क और माणिक्य लाल वर्मा गार्डन दूध तलाई लेक गार्डन का हिस्सा हैं। तो अगर आप उदयपुर घूमने जा रहे हीं तो यहाँ भी आपको जाना चाहिए |
जयसमंद झील – Jaisamand Lake, Udaypur
जयसमंद झील राजस्थान के उदयपुर शहर से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित है। यह झील राजस्थान की सबसे बड़ी स्वच्छ और शांत झीलों में से एक है। जयसमंद झील को देखने के लिए उदयपुर के पर्यटकों का रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है। झील का नाम जयसमंद उदयपुर के पूर्वी राजा महाराजा जयसिंह के नाम से रखा गया है। यह झील वास्तव में दो झीलों से मिलकर बनी हुई है, जो एक बड़ी समुद्री झील है और दूसरी छोटी सी झील है। इसके अलावा, इस झील के आसपास विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जीव-जंतुओं के बहुत से प्रजाति रहते हैं। जयसमंद झील राजस्थान का एक आधुनिक बौद्धिक समूह है जो इस झील की संरक्षण और उसकी प्रबंधन देखता है। यह समूह नियमित रूप से झील को साफ करता है और झील के पास बने हुए जहाजों का बचाव करता है। जयसमंद झील के आसपास कई पर्यटन स्थल हैं, जो इस झील को आकर्षक बनाते हैं।
नवलखा महल – Navalakha Mahal, Udaypur
नवलखा महल एक गुलाब बाग के केंद्र में स्थित है| जिसे मूल रूप से उन्नीसवीं शताब्दी में उदयपुर के ऐतिहासिक शहर में बनाया गया था। मेवाड़ साम्राज्य के 72वें शासक महामहिम महाराणा सज्जन सिंह के निमंत्रण पर 10 अगस्त 1882 को उदयपुर पहुंचे महर्षि दयानंद लगभग साढ़े छह महीने तक यहां रहे और नवलखा महल में रहे। यह नवलखा महल में था कि महर्षि दयानंद ने अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति, अमर सत्यार्थ प्रकाश का लेखन पूरा किया। यहाँ भी आपको जाना चाहिए |
हॉलीवुड वैक्स संग्रहालय – Wax Museum, Udaypur
जयपुर में अरावली की पहाड़ियों और सज्जनगढ़ रोड पर स्थित नाहरगढ़ किले में स्थित जयपुर वैक्स म्यूजियम भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय मानक मोम संग्रहालय है। जो जयपुर के लोकप्रिय स्थलों में से एक है | संग्रहालय को मोम के पुतले के माध्यम से आपको एक यात्रा पर ले जाने के लिए एक इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो एक छत के नीचे इतिहास, कला और संस्कृति को प्रदर्शित करता है। जिसमे ए पी जे अब्दुल कलाम, कल्पना चावला, मदर टेरेसा, दलाई लामा, महात्मा गांधी, अमिताभ बच्चन, सांचिन तेदुलकर सहित लगभग 25 प्रसिद्ध हस्तियों की मोम और सिलिकॉन से बनी मूर्तियाँ को रखा गया है, जो न केवल अपने स्वयं के क्षेत्रो मे बल्कि समाज के लिए भी प्रतिष्ठित व्यक्ति है। यह 9 डी एक्शन सिनेमा, गेमिंग जोन, मिरर इमेज और हॉरर शो भी प्रदान करता है।
उदयपुर फिश एक्वेरियम – Udaipur Fish Aquarium, Udaypur
उदयपुर के फतेह सागर पाल में अंडर द सन फिश एक्वेरियम भारत के पहले हाई-टेक वर्चुअल फिश एक्वेरियम के रूप में मानचित्र पर अपनी विशिष्ट स्थिति को चिह्नित करने में कामयाब रहा है। पहले चरण में, अंडर द सन एक्वेरियम 156 किस्मों की समुद्री मछली और ताजे पानी की मछलियों की मेजबानी कर रहा है, जिन्हें दुनिया भर के 16 देशों से खरीदा गया है। लंबे समय में, यह संख्या 1500 किस्मों तक जाएगी! 125 मीटर लंबी गैलरी में विशेष रूप से निर्मित टैंक हैं जो आगंतुकों को ऐसा महसूस कराते हैं जैसे वे समुद्र के भीतर हैं। इस एक्वेरियम में मछली अलग-अलग होती है, जिसमें सबसे छोटी मछली बमुश्किल एक सेंटीमीटर लंबी होती है, और सबसे बड़ी मछली, अरोपमा, 9 फीट लंबी होती है। एक्वेरियम में बच्चों को मछली के साथ खेलने के लिए एक टच पूल की सुविधा है, साथ ही इसके लिए एलईडी स्क्रीन भी है। एक्वेरियम के भीतर मछलियों के बारे में अधिक जानने के लिए एवरीफिश टैंक। यह एक एक्वेरियम है जिसे आप सच्चे इंटरएक्टिव मज़े के लिए देखना पसंद करेंगे|
क्लासिक वाहन संग्रह – Vintage car Collection, Udaypur
विंटेज कार संग्रहालयस उदयपुर के खास दर्शनीय स्थलो मे से एक है, जो मोटर और कार मे दिलचस्पी करने वाले लोगो के लिए स्वर्ग के सामान है। गार्डन होटल के मैदान के भीतर संग्रह में उदयपुर के महाराणाओं के स्वामित्व वाले कैडिलैक, शेवरलेट, मॉरिस इत्यादि जैसे विभिन्न प्रकार के पुराने और क्लासिक वाहन शामिल हैं। इस म्यूजियम का उद्घाटन फरवरी साल 2000 मे किया गया था| जिसके बाद यह लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया। यह स्थान आपको शहर की भीड़ से दूर लाकर एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है।
क्रिस्टल गैलरी – Crystal Gallery, Udaypur
फतेह प्रकाश पैलेस के अंदर स्थित क्रिस्टल गैलरी मे क्रिस्टल कलाकृतियो का शानदार संग्रह है जो दुनिया मे क्रिस्टल का सबसे बड़ा संग्रह है।ऑस्लर कट ग्लास के सबसे बड़े और सबसे पूर्ण संग्रहों में से एक है। इस संग्रह का अधिकांश भाग 1878 में महाराणा सज्जन सिंह द्वारा शुरू किया गया था। क्रिस्टल गैलरी वस्तुओ की विविधता मे और शामिल टुकड़ो की गुणवत्ता और भव्यता दोनो मे, यह सजावटी कला की दुनिया मे एक अद्वितीय स्थान रखता है। जहाँ गैलरी का मुख्य आकर्षण एक आभूषण जड़ित कालीन है, जो पीयरलेस क्लास का प्रतीक है।
यहाँ तक कि गैलरी मे क्रिस्टल और नरम लाल साटन सामग्री मे एक रॉयल पंखा भी प्रदर्शित किया गया है, जिस पर सूर्य के मेवाड़ प्रतीक अंकित है। क्रिस्टल गैलरी मुख्य रूप से एफ एंड सीओस्लर द्वारा निर्मित कलाकृतियो को प्रदर्शित करती है।
नागदा – Nagda, Udaypur
नागदा उदयपुर से 22 किमी दूर है, जो अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित एक प्राचीन स्थल है और इसमें 6वीं शताब्दी ईस्वी के निशान हैं। आज यह जटिल नक्काशीदार सहस्त्रबाहु मंदिर के लिए अधिक प्रसिद्ध है, जिसे सास-बहू मंदिरों के रूप में जाना जाता है, जो 9वीं – 10वीं शताब्दी के हैं। आकर्षक वास्तुकला और विस्तृत नक्काशी को शानदार तोरण या तोरणद्वार में भी देखा जा सकता है। वहाँ स्थित अधबुदजी का शानदार जैन मंदिर भी रुचिकर है।
बड़ी झील – Badi Lake, Udaypur
उदयपुर राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित एक शहर है जो भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह शहर अपनी बड़ी झील के लिए भी जाना जाता है जो उदयपुर की सबसे प्रसिद्ध आकर्षणों में से एक है। उदयपुर की बड़ी झील, जिसे लोकल भाषा में पिचोला झील कहते हैं, इस शहर की खूबसूरती और अनुभव का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह झील राजस्थान के सबसे पुराने और अपनी खूबसूरत रचनाओं के लिए जाना जाता है। पिचोला झील को दो छोटे दीवारों से घिरा हुआ है जो उदयपुर के समुद्र तल से लगभग 30 फीट ऊंचे हैं। इस झील में बने जहाज और अन्य पर्यटन व्यवसाय इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं।
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सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य, Udaypur
उदयपुर शहर के केन्द्र से 8 किमी दूरी पर सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के ठीक बाहर, बांस-दहारा पहाड़ियों की तलहटी में स्थित सज्जनगढ़ जैविक उद्यान 36 हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है जो लोकप्रिय स्थलो मे से एक है, इस पार्क मे मांसाहारी और शाकाहारी जानवरो को उनके प्राकृतिक आवास मे घूमते हुए देखा जा सकता है। वर्तमान मे इस पार्क मे 21 प्रजातियो के 60 जानवर है, जिनमे हिमालयी काले भालू, पैंथर्स, भारतीय साही, चीतल, घड़ियाल, मार्श मगरमच्छ, सफेद बाघ, एशियाई शेर इत्यादि शामिल है। जो पर्यटको और वन्य जीव प्रेमियो के लिए लोकप्रिय आकर्षण केन्द्र बना हुआ है।
सहस्त्र बहू मंदिर – Sahastra Bahu Temple, Udaypur
सहस्त्र बहू मंदिर उदयपुर से लगभग 22 किमी दूर एनएच-8 पर नागदा गांव में स्थित है। मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, और नाम का अर्थ है ‘एक लाख भुजाओं वाला’, जो विष्णु के रूपों में से एक है। मंदिर का स्थान हरी दलदली भूमि से घिरा है, और कई खजूर के पेड़ हैं जो मंदिर को एक अद्वितीय नखलिस्तान जैसा माहौल देते हैं। मंदिर 10वीं शताब्दी का एक परिसर है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की विरासत स्मारकों की सूची में शामिल है। मंदिर रामायण पर आधारित कई सुंदर नक्काशियों से सुशोभित है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला, मंदिर एक शानदार संरचना है जो उत्कृष्ट मूर्तियां प्रदान करता है, जिससे यह एक ऐसी जगह बन जाती है जो देखने लायक है। 30+ उदयपुर में घुमने कि जगह जो आपका सफर यादगार बना देंगे
मेनार – Menar, Udaypur
झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध, उदयपुर कई खूबसूरत झीलों का घर है। मेनार एक गांव है जो सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियों के घर के रूप में जाना जाता है। ब्रह्म तालाब और दंड तालाब नाम के दो तालाब हैं जो प्रवासी पक्षियों की मेजबानी करते हैं। यह गाँव एक छिपा हुआ पर्यटन स्थल है, पक्षी प्रेमियों के बीच सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक हो सकता है। उदयपुर चित्तौड़गढ़ रोड पर उदयपुर से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मेनार की यात्रा का सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान होता है जब तालाब कई प्रवासी पक्षियों की मेजबानी करते हैं। ग्रेटर फ्लेमिंगो, व्हाइट टेल्ड लैपविंग, मार्श हैरियर, ब्लैक काइट, जंगल बटेर, कौवा तीतर आदि कुछ प्रजातियों की झलक आप यहाँ देख सकते हैं। पर्यटकों से मुक्त, तालाब आपके लिए एक शांतिपूर्ण ग्रामीण परिवेश प्रदान करते हैं में आराम करो|
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प्रताप गौरव केंद्र – Pratap Gaurav Kendra, Udaypur
टाइगर हिल्स में 25 बीघा भूमि में फैला हुआ, प्रताप गौरव केंद्र महान महाराणा प्रताप और मेवाड़ के इतिहास को समर्पित है। मुख्य आकर्षण एक पहाड़ी के ऊपर महाराणा प्रताप की 57 फीट ऊंची बैठी हुई मूर्ति है। केंद्र का मुख्य आकर्षण हल्दी युद्ध की 3डी प्रस्तुति, प्रसिद्ध ऐतिहासिक देवताओं की लाइव मैकेनिकल मॉडल प्रदर्शनी, लाइट एंड साउंड शो आदि हैं।
गोगुन्दा – Gogunda, Udaypur
अरावली पर्वतमाला के बीच, समुद्र तल से लगभग 2751 फीट की ऊंचाई पर स्थित, गोगुन्दा को महाराणा उदय सिंह ने चित्तौड़गढ़ छोड़ने के बाद मेवाड़ की राजधानी बनाया था। 1572 ई. में महाराणा उदय सिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र और उत्तराधिकारी महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक इसी स्थान पर किया गया था।
FAQ (उदयपुर घूमने के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)-
उदयपुर घूमने में कितने दिन लगते हैं?
उदयपुर घूमने के लिए 2 से 3 दिन का समय पर्याप्त है। आप इन दिनों में उदयपुर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को देख सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:- सिटी पैलेस, जग मंदिर, फतेह सागर झील, सहेलियों की बाड़ी, अरावली पर्वत, एलोरा गुफाएं इत्यादि |
उदयपुर क्यों प्रसिद्ध है?
उदयपुर भारत के राजस्थान राज्य का एक खूबसूरत शहर है। इसे “झीलों का शहर” के रूप में जाना जाता है। उदयपुर अपने सुंदर प्राकृतिक दृश्यों, ऐतिहासिक स्थलों, और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। उदयपुर की कुछ सबसे प्रसिद्ध विशेषताएं निम्नलिखित हैं:- सिटी पैलेस, जग मंदिर, फतेह सागर झील, सहेलियों की बाड़ी, अरावली पर्वत, एलोरा गुफाएं इत्यादि |
उदयपुर घूमने का अच्छा समय?
उदयपुर शहर को देखने और उसके आसपास के पर्यटन स्थलों का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय उसके मौसम के अनुसार विभिन्न होता है। यहाँ पर तीन मौसम होते हैं – गर्मी, शीतलहर और मॉनसून।
गर्मी का मौसम अप्रैल से जून तक रहता है और यहाँ का तापमान बहुत उच्च होता है। इस समय शहर की सड़कों पर तापमान 45 डिग्री से अधिक होता है। इसलिए, यह उद्योग धंधों और गर्मियों से बच्चों के लिए अधिक उपयुक्त नहीं होता है। शीतलहर मौसम नवंबर से फरवरी तक रहता है और शहर की सर्दियों का मौसम शुष्क और ठंडा होता है। इस समय शहर की सड़कों पर तापमान 10 डिग्री से भी कम हो सकता है। इस मौसम में शहर के बाहरी स्थलों पर दिन कम और रातें बहुत ठंडी होती हैं। मॉनसून का मौसम जुलाई से सितंबर तक रहता है और यहाँ पर बारिश की बहुत सी बौछारें होती हैं। यह समय उदयपुर घूमने के लिए बहुत अच्छा होता है |
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को उदयपुर में घूमने की जगह ( Udaypur Me Ghumne ki Jagah) (tourist places in udaypur) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद|
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