Ajmer Tourist Places :- अजमेर एक ऐतिहासिक शहर है जो राजस्थान, भारत में स्थित है। यह शहर आकर्षक परंपरागत संस्कृति, आकर्षक मंदिरों, मस्जिदों और इस्लामी संप्रदाय के धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यह शहर आकर्षक स्थानों, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उपलब्धियों और संगमरमर के विशाल समूह के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यह शहर राजस्थानी भोजन, स्थानीय बाजारों और फाइन आर्ट के लिए भी जाना जाता है।
अजमेर में घूमने की जगह – Tourist Places in Ajmer
अजमेर उत्तरी भारतीय राज्य राजस्थान में स्थित एक शहर है। यहाँ पर कई ऐसे धार्मिक और एतेहासिक पर्यटन स्थल के साथ साथ पहाडो बीच है जिसे देखने काफी अधिक संख्या में लोग देश एवं विदेश से आते हैं | अजमेर में वैसे तो बहुत सारे पर्यटन स्थल (Tourist places in ajmer) है लेकिंग उनमे से प्रमुख पर्यटन स्थल जो लोगो द्वारा बहुत पसंद किया जाता है वैसे पर्यटन स्थल (Places to visit in ajmer) के बारे में हम इस आर्टिकल में जानकारी देंगे तो चलिए अपने इस आर्टिकल में जानकारी की ओर आगे बढते हैं :-
Ghumne ki jagah
अजमेर शरीफ दरगाह – Ajmer Sharif Dargah, Tourist Places in Ajmer
अजमेर शरीफ दरगाह भारत में सबसे प्रसिद्ध सुफी मंदिरों में से एक है जो हुज़ूर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के मज़ार पर स्थित है। इस दरगाह में हुज़ूर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मज़ार होती है, जो मुस्लिम धर्मगुरु थे। दरगाह अंदलीब मुगल वर्ष 1571 में बनाया गया था। दरगाह में दर्शकों की भारी भीड़ आती है जो श्रद्धालु होते हैं। यह एक शांतिपूर्ण स्थान है जहाँ श्रद्धालु धार्मिक रूप से अपनी पूजा कर सकते हैं और ख्वाजा साहब के दरबार में अपने दुःखों और संदेहों को शेयर कर सकते हैं। इस दरगाह को सैलानियों की नज़रों से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सैलानियों का मतलब होता है वे श्रद्धालु जो दरगाह पर चढ़ने से पहले कई दिनों तक रोज़ा रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। इसके बाद वे दरगाह के दर्शन करते हैं जहाँ उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं माना जाता है।
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तारागढ़ किला अजमेर – Taragarh Fort, Visit Places in Ajmer
तारागढ़ किला अजमेर में स्थित है जो राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह किला हुज़ूर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के दरबार से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है। इसे ‘स्टार फ़ोर्ट’ के नाम से भी जाना जाता है जो इसकी स्थापना के समय की जानकारी देता है। तारागढ़ किले का निर्माण मुगल वंश के शासकों ने किया था जो 1354 ईस्वी में हुआ था। इस किले में लगभग एक हज़ार ऊँची चोटी पर बना हुआ है जिसे शहर से अच्छी तरह से देखा जा सकता है। तारागढ़ किले की विशेषताएं वास्तुकला, बांग्ला और फ्रेंच शैली में बनाए गए महलों के लिए जानी जाती हैं। इसमें कई चौपाल, महल, बाग और मंदिर होते हैं। किले में एक छोटा मंदिर है जो गणेश जी को समर्पित है। तारागढ़ किला परिसर में घूमने वालों के लिए कई आकर्षक स्थल हैं। जैसे कि, दुर्ग चौपट्टी जिसमें दक्षिण भारत की संस्कृति का अद्भुत नमूना है |
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अढ़ाई दिन का झोंपड़ा अजमेर – Adhai Din Ka Jhonpra, Tourist Place in Ajmer
अढ़ाई दिन का झोंपड़ा अजमेर का एक इतिहासी स्थल है। यह अजमेर शहर के नज़दीक स्थित है और इसे मुस्लिम सम्राट प्रथवीराज चौहान द्वारा 1192 ईस्वी में बनवाया गया था। अढ़ाई दिन का झोंपड़ा का नाम इसके इतिहास से जुड़ा हुआ है। अपने निर्माण के समय, इस इमारत का निर्माण दो और आधे दिनों में पूरा हुआ था, इसलिए इसे ” अढ़ाई दिन का झोंपड़ा” कहा जाता है। इस इमारत में मुस्लिम स्थापत्यकला की खूबसूरती दिखाई देती है। इसमें जाली विवरण, बाँगला और इस्लामी शैली के शानदार मिनार होते हैं। अधैदिन का झोंपड़ा इसलिए एक आदर्श उदाहरण है, जहां सम्राट प्रथवीराज चौहान ने मुस्लिम शैली में एक इमारत का निर्माण करवाया था। इस इमारत का निर्माण रेड स्टोन से किया गया है। इस इमारत में मुख्य दरवाजा है, जिसमें शानदार जाली का उपयोग किया गया है।
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किशनगढ़ फोर्ट – Kishangarh Fort, Ajmer me ghumne ki jagah
किशनगढ़ फोर्ट राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है। यह फोर्ट किशनगढ़ शहर के बीच में स्थित है और इसे महाराजा सावंत सिंह द्वारा 17वीं सदी में बनवाया गया था। यह फोर्ट अपनी विस्तृतता और भव्यता के लिए जाना जाता है। इस फोर्ट की इमारतें और दीवारें शानदार राजपूताना स्थापत्यकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इस फोर्ट में एक छोटा महल है, जो महाराजा सावंत सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह महल एक नृत्यशाला, श्याम सलोन, मुख्य सलोन और भवनों के लिए कुछ कमरों का अनुकरण करता है। फोर्ट के बाहरी दीवारों के ऊपर शानदार तलवारें लगी हुई हैं जो इस फोर्ट की अपनी विशेषता हैं। इस फोर्ट की भव्यता को आप उसके दीवारों को देखकर आसानी से समझ सकते हैं। किशनगढ़ फोर्ट के बाहर एक छोटा तालाब भी होता है। यहाँ के पास एक छोटा विश्राम घर भी है जो दर्शकों को आराम और सुविधा प्रदान करता है।
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अकबरी मस्जिद – Akbari Masjid, Ajmer in hindi
अकबरी मस्जिद राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित है। यह मस्जिद मुगल साम्राज्य के समय में बनाई गई थी। इस मस्जिद का नाम बादशाह अकबर के नाम से रखा गया है। अकबरी मस्जिद में एक महान मीनार है जो यहां के आकर्षण के रूप में जाना जाता है। इस मस्जिद का निर्माण पत्थरों से किया गया है और इसमें शानदार मुगल स्थापत्यकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। अकबरी मस्जिद में दो मीनार होते हैं और इनमें से एक मीनार बहुत ऊँचा है। इस मस्जिद में कई नक्काशी की गई है जो इसे एक आकर्षक स्थान बनाती है। इस मस्जिद में एक बड़ी कोमल जमा मस्जिद भी है जो लोगों को नमाज पढ़ने के लिए उपलब्ध है। यहां पर एक छोटा लाल रंग का मकबरा भी है जो मुगल साम्राज्य के शासक शाहजहाँ की बेटी का है। अकबरी मस्जिद के पास बाजार होते हैं जहां आप मसालों, जूतों, कपड़ों, सुविधाओं और स्थानीय वस्तुओं का आनंद ले सकते हैं।
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अकबर फ़ोर्ट म्यूज़ियम – Akbar For & Museum, Ajmer
अजमेर शहर के अकबर फ़ोर्ट म्यूज़ियम एक ऐतिहासिक स्थान है जो मुगल साम्राज्य के समय में बनाया गया था। इसे मुगल सम्राट अकबर ने अपनी सेना के ठहराव के लिए बनवाया था। यह फोर्ट म्यूज़ियम का नाम दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसमें इतिहास, कला और संस्कृति से जुड़ी कई दुर्लभ वस्तुएं हैं। इसमें आपको दुनिया भर के विविध वस्तुएं, जैसे कि आयात किए गए अन्य देशों से लाए गए प्राचीन गुरुत्वाकर अवशेष, मुगल और राजपूत संस्कृति से जुड़ी वस्तुएं, मुगल शासन के समय के सिक्के, आदि देखने को मिलती हैं। अकबर फ़ोर्ट म्यूज़ियम में दर्शकों को बहुत से इतिहास के दस्तावेज़, पुस्तकें और पुरातत्व संग्रह भी दिखाए जाते हैं। यहां आपको एक शानदार मुगल स्थापत्यकला का उदाहरण भी मिलता है। अकबर फ़ोर्ट म्यूज़ियम का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होता है।
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फोर्ट मासुदा – Fort Masuda, Tourist Places in Ajmer
अजमेर शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फोर्ट मासुदा एक बड़ा इतिहास से भरा इमारत है। यह महल 17वीं सदी में बनाया गया था और राजपूत शासकों के द्वारा बनाया गया था। फोर्ट मासुदा एक बड़ी इमारत है, जो पत्थरों से बनी है और अनेक बार मराठों, मुगलों और ब्रिटिश सेना के आक्रमणों का सामना कर चुकी है। यह फोर्ट उदयपुर के महलों जैसी अंदाज में बनाया गया है और विभिन्न विविधताओं का प्रतिनिधित्व करता है। फोर्ट मासुदा के अंदर आप बहुत सारे इतिहास से भरे रहस्यों का सामना कर सकते हैं। इसे तीन मुख्य भागों में बांटा गया है। पहला भाग जिसे महल कहा जाता है, महल की विभिन्न उपस्थितियों को दर्शाता है। दूसरा भाग जो कि सुंदर उद्यानों से घिरा हुआ है, जहां आप सुखद वातावरण में बैठकर मनोरंजन कर सकते हैं। तीसरा भाग जो राजपूत शासनकाल के समय के वस्तुओं को संभालता है।
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सोनी जी की नसीया – Soni Ji ki Nasiya, Tourist Places in Ajmer
अजमेर शहर में स्थित सोनी जी की नसीया एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जो सदियों से लोगों को आकर्षित कर रहा है। यहां हम आपको सोनी जी की नसीया के बारे में थोड़ी जानकारी देंगे। सोनी जी की नसीया का नाम शायद बहुत से लोगों को पता न हो, लेकिन राजस्थान में इस तीर्थ स्थल का नाम अत्यंत प्रसिद्ध है। सोनी जी की नसीया में एक महान संत की अवशेषों की समाधि है। इस संत का नाम स्वामी जयतीरथ जी महाराज था, जो 12 वीं शताब्दी में जन्मे थे। स्वामी जयतीरथ जी महाराज को भगवान विष्णु के एक अवतार माना जाता है।
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नारेली जैन मंदिर अजमेर – Nareli Jain Mandir, Ajmer
नारेली जैन मंदिर अजमेर की शानदार निशानी है। यह मंदिर जैन धर्म के समर्पित है और उत्तर भारत में सबसे बड़े जैन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण भारत के विभिन्न भागों से आए शिल्पकारों द्वारा किया गया था। नारेली जैन मंदिर में स्वर्णिम शिखर है, जो निश्चित रूप से आपकी नजरों को खींचता है। इस मंदिर के अंदर जैन तत्वों से सम्बंधित विभिन्न मूर्तियां स्थापित हैं, जो आपको जैन धर्म के बारे में अधिक जानकारी देती हैं। मंदिर में एक विशाल सागर भी है जो मंदिर की सुंदरता को और बढ़ाता है। इस मंदिर में जैन समाज के लोग नित्य आरती करते हैं और अपने आस्था का प्रदर्शन करते हैं। नारेली जैन मंदिर अजमेर के लोगों के बीच बहुत ही प्रसिद्ध है और दैनिक आरती और भजनों के अलावा, यहां बहुत से त्योहार भी मनाए जाते हैं।
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अजमेर का साईं बाबा मंदिर – Sai Baba Mandir, Ajmer
अजमेर का साईं बाबा मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो संपूर्ण भारत में सैकड़ों लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर का नाम श्री साईं बाबा के नाम पर है, जिन्हें हिंदू धर्म के अलावा, सभी धर्मों के लोगों द्वारा पूजे जाते हैं। यह मंदिर अपनी सुंदर स्थापत्य शैली, शांत वातावरण और साईं बाबा के विशाल स्तम्भ के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर अपनी दर्शनीय दृश्यों के लिए जाना जाता है, जिसमें से सबसे प्रमुख है साईं बाबा का मूर्ति। यहाँ पर विशाल प्रदर्शन की जाती है, जो मंदिर के बाहर स्थित है। साईं बाबा की मूर्ति के साथ बैठने के लिए भक्तों को अनुमति नहीं होती है, लेकिन वे इसके पास आकर उनकी पूजा विधि का अनुसरण करते हैं।
फॉय सागर लेक – Foy Sagar Lake, Ajmer
अजमेर शहर का एक प्रसिद्ध झील है फॉय सागर लेक, जो स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह झील आकर्षक दृश्यों, शांत वातावरण और ताजगी वाली जल से भरा हुआ है। फॉय सागर झील अपने आस-पास की प्राकृतिक खूबसूरती के कारण अजमेर में स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह झील बनाने का काम ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था। झील का नाम उस समय के अजमेर शहर के कमिश्नर आर. एफ. फॉय के नाम पर रखा गया था। फॉय सागर झील एक बाँध से घिरा हुआ है, जो इसके चारों तरफ फैला हुआ है। झील के पास घूमने के लिए लोग यहाँ आते हैं और इसके आस-पास घूमते हुए प्राकृतिक रंगों और अजमेर शहर की शानदार दृश्यों का आनंद लेते हैं। फॉय सागर झील के किनारे पर घूमते समय, आप यहाँ पर लोगों को खाने-पीने की व्यवस्था करते रेस्टोरेंट, शॉप्स, जैसे व्यवसायिक स्थानों का भी आनंद उठा सकते हैं।
पृथ्वीराज चौहान स्मारक – Prithviraj Chauhan Smarak, Ajmer
अजमेर शहर में पृथ्वीराज चौहान स्मारक एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। यह एक बड़ी प्रतिमा है, जो पृथ्वीराज चौहान की याद में बनाई गई है। स्मारक के आसपास खुले मैदान हैं जहाँ लोग खेलते हैं और विभिन्न खाद्य स्थानों में खाने का आनंद लेते हैं। इस स्मारक को राजपूत शासक पृथ्वीराज चौहान की याद में स्थापित किया गया है। पृथ्वीराज चौहान एक वीर राजा थे, जो 12वीं शताब्दी में अजमेर के राजा थे। वे अपनी वीरता और दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं। स्मारक में पृथ्वीराज चौहान की मूर्ति स्थापित है जो अपने वीरता और साहस के लिए जाने जाते हैं। स्मारक के आसपास घुमते समय, आप उनके शौर्य की कहानियों को सुन सकते हैं और उनके बलिदान की याद में श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
अना सागर झील – Ana Sagar Lake, Ajmer
अजमेर शहर का अना सागर झील शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है। यह एक बड़ी झील है जो शहर के मध्य में स्थित है। इसका नाम राजपूत शासक अनाज मलिक के नाम पर रखा गया था। झील के आसपास कुछ पार्क हैं जहाँ आप अपने परिवार के साथ घूम सकते हैं और शांति और सांत्वना का आनंद ले सकते हैं। झील के चारों ओर सफेद रंग की जगहें हैं जहाँ आप बैठकर दूर तक दौड़ती लहरों का नजारा देख सकते हैं। इस झील को घेरने वाले सभी पार्कों में सभी विशिष्ट विशेषताएं होती हैं जैसे कि फूलों से भरी बागें, फव्वारे और फाउंटेन और अन्य सुंदर सुविधाएं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):-
अजमेर अच्छी जगह है?
हां, अजमेर राजस्थान, भारत में एक अच्छी जगह है। यह एक प्राचीन शहर है जिसे “खोज नगरी” के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं जैसे दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, अजमेर शरीफ दरगाह, अजमेर जैन मंदिर और अजमेर का किला जो कि महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। अजमेर एक सुंदर शहर है जो पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है|
अजमेर में कौन सी पहाड़ियां हैं?
अजमेर शहर अरावली पर्वत श्रृंखला के किनारे स्थित है और कुछ महत्वपूर्ण पहाड़ियों से घिरा हुआ है। कुछ महत्वपूर्ण पहाड़ियों के नाम निम्नलिखित हैं:
1. तरागढ़ फ़ोर्ट पहाड़ी – यह फ़ोर्ट पहाड़ी अजमेर के पश्चिम में स्थित है।
2. अद्हैदी दरगाह पहाड़ी – यह पहाड़ी अजमेर के दक्षिण में स्थित है और इसमें एक दरगाह है।
3. अजय मेरु पहाड़ी – यह पहाड़ी अजमेर के उत्तर पश्चिम में स्थित है।
4. रामदेवजी की पहाड़ी – यह पहाड़ी अजमेर के दक्षिण में स्थित है और रामदेवजी के मंदिर के लिए जाना जाता है।
इन पहाड़ियों पर ट्रैकिंग, हाइकिंग और नैचर वॉकिंग करने का भी मौका होता है।
अजमेर दरगाह जाने में कितना समय लगता है?
अजमेर शहर में दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती स्थित है, जो भारत में एक महत्वपूर्ण सुफी संगम स्थल है। यह दरगाह रेलवे स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर दूर है और आपकी पैदल चलने की क्षमता पर निर्भर करता है। दरगाह तक पहुंचने के लिए रास्ते में कुछ स्थानों पर जाम भी हो सकता है। सामान्य रूप से, रेलवे स्टेशन से दरगाह तक लगभग 15-20 मिनट का समय लगता है। हालांकि, अधिक भीड़ और यातायात की स्थिति पर यह समय बढ़ सकता है। आपको दरगाह तक पहुंचने से पहले भी एक छोटी सी सीटी आती है, जो चाय, नमकीन और सूफी शख्सों से संबंधित सूवनीर आदि बेचते हैं, तो आपको आराम करने का भी समय मिल सकता है।
अजमेर कब जाना चाहिए?
अजमेर के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से फरवरी के महीनों का होता है। इन महीनों में तापमान मध्यम होता है और आसमान साफ होता है, जो इसे देखने और इसका आनंद लेने के लिए उपयुक्त बनाता है। अगर आप सुबह उठकर सूर्योदय देखना चाहते हैं, तो अप्रैल और सितंबर के महीनों में जाना उपयुक्त होता है। हालांकि, अगर आप उत्तर भारत में गर्मी से बचना चाहते हैं, तो अप्रैल से जून और सितंबर से दिसंबर के महीनों में जाना उपयुक्त होता है। इन महीनों में तापमान अधिक नहीं होता है और मौसम सुहावना रहता है। लेकिन, अगर आप उत्सवों और मेलों के दीवाने हैं, तो अजमेर मेले के समय यानी मार्च-अप्रैल के महीनों में जाना उपयुक्त होता है। इस समय अजमेर मेले मनाए जाते हैं जो भारतीय संस्कृति, फेयर और शो का आयोजन करते हैं।
अजमेर घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
अजमेर शहर को घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के महीनों होता है। इस समय मौसम सुहावना होता है और तापमान मध्यम होता है। इस अवधि में अजमेर में बहुत सारे उत्सव होते हैं, जो यात्रियों के लिए आकर्षक होते हैं।
क्या अजमेर शरीफ में लड़कियां जा सकती हैं?
हां, अजमेर शरीफ में लड़कियां जा सकती हैं। यहाँ पर मंदिर और दरगाह जैसे धार्मिक स्थल होते हैं, जहाँ लड़कियों का प्रवेश स्वतंत्र होता है। हालांकि, कुछ धार्मिक स्थल या दरगाह ऐसे भी होते हैं जहाँ महिलाओं के लिए विशेष प्रवेश द्वार होते हैं। अजमेर शरीफ में भी कुछ दरगाहों में ऐसे ही विशेष प्रवेश द्वार हो सकते हैं। लेकिन जब भी किसी धार्मिक स्थल पर जाएं, तो आपको उस स्थल के नियमों और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। इससे आपको उस स्थल की शांति और सुखद वातावरण में शामिल होने में मदद मिलेगी।
लोग अजमेर क्यों जाते हैं?
अजमेर राजस्थान राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है जो पर्यटन के लिए बहुत लोकप्रिय है। यहाँ पर कुछ मुख्य कारण हैं जिससे लोग अजमेर जाते हैं:
1. ख्वाजा ग़रीब नवाज दरगाह: अजमेर शहर में स्थित ख्वाजा ग़रीब नवाज दरगाह भारत के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहाँ जाते हैं और ख्वाजा ग़रीब नवाज के नाम से जाने जाने वाले दरगाह पर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की कोशिश करते हैं।
2. ऐतिहासिक स्थल: अजमेर में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे कि तारागढ़ किला, अकबर का किला, नागफणी जी मंदिर, अजमेर शहर के अनेक मंदिर आदि। इन स्थलों की खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व के कारण भी लोग अजमेर जाते हैं।
3. शॉपिंग: अजमेर शहर में स्थित बाजारों में बहुत सारे स्थानीय उत्पादों और कलाकृतियों की विस्तृत विकल्पसूची होती है।
अजमेर की सबसे फेमस चीज क्या है?
अजमेर की सबसे फेमस चीज ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है। यह दरगाह विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की समाधि है। यह दरगाह दुनिया भर से लाखों लोगों को आकर्षित करती है, जो उनकी दरगाह पर आकर मन्नतें मांगते हैं। अजमेर की अन्य प्रसिद्ध चीजें इस प्रकार हैं: आना सागर झील, सोनी जी की नसिया, तारागढ़ किला, किशनगढ़ किला, फतेहसागर झील इत्यादि |
अजमेर के लिए कितने दिन काफी हैं?
अजमेर के लिए 3-4 दिन पर्याप्त हैं। इस समय में, आप शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों को देख सकते हैं |
अजमेर शरीफ कब जाना चाहिए?
अजमेर शरीफ की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है। इस दौरान तापमान आमतौर पर 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है, और बारिश की संभावना बहुत कम होती है।
अजमेर शरीफ की टिकट कितने की है?
अजमेर शरीफ की टिकट की कीमत ₹20 है। यह टिकट दरगाह के प्रवेश द्वार पर खरीदी जा सकती है। टिकट खरीदने के लिए, आपको अपना आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र दिखाना होगा।
अजमेर में किसकी प्रसिद्ध दरगाह है?
अजमेर में सबसे प्रसिद्ध दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की है। वे एक सूफी संत थे जिन्हें “ख्वाजा गरीब नवाज” के नाम से भी जाना जाता है। उनकी दरगाह दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
अजमेर का पुराना नाम क्या है?
अजमेर का पुराना नाम अजयमेरू था। यह नाम इस शहर की अजेयता को दर्शाता है। अजयमेरू की स्थापना 11वीं शताब्दी में चौहान वंश के राजा अजयराज ने की थी। बाद में, इसका नाम अजयमेर और फिर अजमेर हो गया।
अजमेर की प्रसिद्ध मिठाई
अजमेर अपनी मिठाइयों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की कुछ प्रसिद्ध मिठाइयों में शामिल हैं: सोहन हलवा, मालपूड़े, कराची हलवा, घेवर, मावे की कचौरी इत्यादि |
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को अजमेर में घूमने की जगह (Ajmer Me Ghumne ki Jagah) (tourist places in ajmer) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद|
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