Vadodara Tourist Places :- वडोदरा, गुजरात का एक खूबसूरत शहर है जो अपने ऐतिहासिक स्थलों, सांस्कृतिक भवनों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। शहर में कई सुंदर पार्क भी हैं जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए लोकप्रिय हैं।
वडोदरा में घूमने लायक जगह – Places to visit in Vadodara
वडोदरा एक खूबसूरत शहर है अगर आप वडोदरा घूमने के बारे में सोच रहें है या प्लान बना रहें है तो आज का आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है इस ब्लॉग पोस्ट के द्वारा आज हम आपको बडोदरा में घूमने के लिए कौन कौन से प्रमुख पर्यटन स्थल है उनके बारे में पुरी जानकारी देंगे ताकि आप वडोदरा आसानी से घूम सके तो चलिए हम जानते हैं वडोदरा में प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन कौन है और क्या खास है यहाँ घूमने के लिए :-
Ghumne ki jagah
लक्ष्मी विलास पैलेस – Laxmi Vilas Palace Vadodara
लक्ष्मी विलास पैलेस वडोदरा का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यह पैलेस 19वीं शताब्दी में गुजरात के पूर्व महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने बनवाया था। यह पैलेस अपनी भव्य वास्तुकला और शानदार सजावट के लिए जाना जाता है। पैलेस का निर्माण रोमन, इटैलियन और फ्रेंच शैलियों के मिश्रण में किया गया था। पैलेस में कई सुंदर कमरे, हॉल और गलियारे हैं। पैलेस के अंदरूनी हिस्सों में नक्काशीदार लकड़ी, सोने का काम और शानदार दर्पण हैं। पैलेस के बाहरी हिस्सों में कई उद्यान और बगीचे हैं। पैलेस के बगीचों में कई तरह के फूल, पेड़-पौधे और झरने हैं। पैलेस के बगीचों में घूमना और प्रकृति का आनंद लेना एक सुखद अनुभव है।
सयाजी बाग चिड़ियाघर – Sayaji Baug Zoo Vadodara
सयाजी बाग चिड़ियाघर वडोदरा का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यह चिड़ियाघर 1879 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय द्वारा स्थापित किया गया था। यह चिड़ियाघर पश्चिमी भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। चिड़ियाघर में 167 प्रजातियों के 1103 जानवर हैं। इनमें बाघ, शेर, हाथी, जिराफ, टाइगर, और कई अन्य जानवर शामिल हैं। चिड़ियाघर में एक मछलीघर भी है जिसमें 45 प्रजातियों की मछलियाँ हैं। चिड़ियाघर में कई तरह के आकर्षण हैं। इनमें एक पुष्प घड़ी, एक झूलाघर, और एक बच्चों का खेलघर शामिल हैं। चिड़ियाघर में एक ट्रेन भी है जो पर्यटकों को चिड़ियाघर के चारों ओर ले जाती है।
सुरसागर झील – Sursagar Lake Vadodara
सुरसागर झील वडोदरा का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। यह झील शहर के केंद्र में स्थित है और यह वडोदरा की सबसे बड़ी झील है। झील का निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने करवाया था। झील का नाम मुगल काल के कर संग्रहकर्ता सुरेश्वर देसाई के नाम पर रखा गया है। झील के किनारे कई खूबसूरत बगीचे और मंदिर हैं। झील के मध्य में एक 120 फीट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति है। झील में बोटिंग का भी आनंद लिया जा सकता है। सुरसागर झील एक सुंदर और शांत स्थान है। यहाँ आकर आप प्रकृति का आनंद ले सकते हैं और शहर की भीड़भाड़ से दूर आराम कर सकते हैं।
सयाजी बाग – Sayaji Baug Vadodara
सयाजी बाग वडोदरा का एक विशाल उद्यान है, जो 113 एकड़ में फैला हुआ है। यह 1879 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय द्वारा बनाया गया था। यह बाग पश्चिमी भारत के सबसे बड़े उद्यानों में से एक है। सयाजी बाग में कई प्रकार के पेड़-पौधे, फूल, और झरने हैं। बाग में कई तरह के आकर्षण भी हैं, जिनमें एक पुष्प घड़ी, एक झूलाघर, और एक बच्चों का खेलघर शामिल हैं। सयाजी बाग एक परिवार के लिए एक आदर्श स्थान है। यहाँ बच्चे और बड़े दोनों प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
बारडोला संग्रहालय – Baroda Museum
बारडोला संग्रहालय वडोदरा का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह संग्रहालय 1899 में स्थापित किया गया था और यह गुजरात का सबसे पुराना संग्रहालय है। संग्रहालय में प्राचीन वस्तुओं, कलाकृतियों, और अन्य ऐतिहासिक सामग्री का एक विशाल संग्रह है। संग्रहालय में कई अलग-अलग विभाग हैं, जिनमें प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत, आधुनिक भारत, और विदेशी कला शामिल हैं। संग्रहालय में कई प्रसिद्ध कलाकृतियों का घर है, जिनमें एक 9वीं शताब्दी की भगवान विष्णु की मूर्ति, एक 13वीं शताब्दी की भगवान शिव की मूर्ति, और एक 17वीं शताब्दी की एक मुगल पेंटिंग शामिल हैं। बारडोला संग्रहालय एक इतिहास और संस्कृति प्रेमी के लिए एक आदर्श स्थान है। यहाँ आप प्राचीन भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
EME मंदिर – EME Temple Vadodara
EME मंदिर वडोदरा का एक अनूठा मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 1962 में भारतीय सेना द्वारा बनाया गया था। मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें सभी प्रमुख धर्मों के प्रतीक शामिल हैं। मंदिर का निर्माण जियोडेसिक डिजाइन में किया गया है, जो एक प्रकार की वास्तुकला है जो त्रिकोणीय इकाइयों का उपयोग करती है। मंदिर की छत एल्यूमीनियम शीट से बनी है। मंदिर के अंदर एक मुख्य हॉल है जिसमें भगवान शिव की एक बड़ी मूर्ति है। हॉल के चारों ओर अन्य कमरे हैं जिनमें विभिन्न धर्मों के प्रतीक हैं। इनमें एक क्रॉस, एक तारा और अर्धचंद्र, और एक स्टार ऑफ डेविड शामिल हैं।
मंडी गेट – Mandvi Gate Vadodara
मंडी गेट वडोदरा का एक ऐतिहासिक द्वार है जो शहर के पुराने शहर को नए शहर से अलग करता है। यह गेट 18वीं शताब्दी में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय द्वारा बनाया गया था। मंडी गेट एक विशाल पत्थर का द्वार है जो लाल बलुआ पत्थर से बना है। गेट में दो विशाल मीनारें हैं जो 20 मीटर ऊँची हैं। मीनारें नक्काशीदार हैं और उनके शीर्ष पर दो शेरों की मूर्तियाँ हैं। मंडी गेट वडोदरा के सबसे प्रतिष्ठित स्मारक में से एक है। यह गेट शहर के इतिहास और संस्कृति का एक प्रतीक है।
कीर्ति मंदिर – Kirti Mandir Vadodara
कीर्ति मंदिर वडोदरा का एक शाही स्मारक है जो गायकवाड़ राजवंश के मृतक सदस्यों की स्मृति में बनाया गया था। यह मंदिर 1936 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ त्रयंबक द्वारा बनाया गया था। कीर्ति मंदिर एक विशाल सफेद संगमरमर का मंदिर है जो हिंदू वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर में एक मुख्य हॉल है जिसमें एक विशाल शिवलिंग है। हॉल के चारों ओर अन्य कमरे हैं जिनमें गायकवाड़ राजवंश के मृतक सदस्यों की कब्रें हैं।
बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर – BAPS Shri Swaminarayan Mandir
बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर वडोदरा का एक विशाल मंदिर है जो गुजरात के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 2001 में पूरा हुआ था और यह भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। मंदिर सफेद संगमरमर से बना है और इसमें कई सुंदर नक्काशी और मूर्तियां हैं। मंदिर में एक मुख्य हॉल है जिसमें भगवान स्वामीनारायण की एक विशाल मूर्ति है। हॉल के चारों ओर अन्य कमरे हैं जिनमें विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं।
महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय – Maharaja Fateh Singh Museum Vadodara
महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय वडोदरा का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह संग्रहालय 1961 में स्थापित किया गया था और यह गुजरात का सबसे बड़ा संग्रहालय है। संग्रहालय में प्राचीन वस्तुओं, कलाकृतियों, और अन्य ऐतिहासिक सामग्री का एक विशाल संग्रह है। संग्रहालय में कई अलग-अलग विभाग हैं, जिनमें प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत, आधुनिक भारत, और विदेशी कला शामिल हैं। संग्रहालय में कई प्रसिद्ध कलाकृतियों का घर है, जिनमें एक 9वीं शताब्दी की भगवान विष्णु की मूर्ति, एक 13वीं शताब्दी की भगवान शिव की मूर्ति, और एक 17वीं शताब्दी की एक मुगल पेंटिंग शामिल हैं।
मकरपुरा पैलेस – Makarpura Palace Vadodara
मकरपुरा पैलेस वडोदरा का एक शाही महल है जो 1870 में महाराजा खेंडेराव गायकवाड़ द्वारा इटालियन शैली में बनाया गया था। इसका उपयोग शाही परिवार द्वारा ग्रीष्मकालीन निवास और शिकार स्थल के रूप में किया जाता था। मकरपुरा पैलेस एक विशाल और सुंदर इमारत है जो सफेद संगमरमर से बनी है। महल में एक मुख्य हॉल है जिसमें एक विशाल फव्वारा है। हॉल के चारों ओर अन्य कमरे हैं जिनमें शाही परिवार के सदस्यों के रहने और कार्यालय के लिए उपयोग किए जाने वाले कमरे हैं।
श्री अरबिंदो आश्रम – Sri Aurobindo Ashram Vadodara
श्री अरबिंदो आश्रम वडोदरा का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह आश्रम श्री अरबिंदो और उनकी पत्नी द मदर की आध्यात्मिक विरासत का एक प्रतीक है। आश्रम 1896 में बनाया गया था और यह भारत के सबसे पुराने आश्रमों में से एक है। आश्रम में ध्यान, योग, और अन्य आध्यात्मिक प्रथाओं का अभ्यास किया जाता है। आश्रम में कई सुंदर बगीचे और उद्यान हैं। आश्रम में एक पुस्तकालय भी है जिसमें श्री अरबिंदो और द मदर की रचनाओं का एक बड़ा संग्रह है।
ISKCON मंदिर – ISKCON Temple Vadodara
ISKCON मंदिर वडोदरा का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यह ISKCON (International Society for Krishna Consciousness) का एक हिस्सा है। मंदिर 2000 में बनाया गया था और यह गुजरात के सबसे बड़े ISKCON मंदिरों में से एक है। मंदिर सफेद संगमरमर से बना है और इसमें कई सुंदर नक्काशी और मूर्तियां हैं। मंदिर में एक मुख्य हॉल है जिसमें भगवान कृष्ण की एक विशाल मूर्ति है। हॉल के चारों ओर अन्य कमरे हैं जिनमें भगवान कृष्ण और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं।
चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क – The Champaner-Pavagadh Archaeological Park
चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह पार्क चंपानेर और पावागढ़ की दो पहाड़ियों पर स्थित है, जो लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर हैं। चंपानेर-पावागढ़ एक ऐतिहासिक शहर था जो गुजरात सल्तनत की राजधानी हुआ करता था। इस शहर का निर्माण 14वीं शताब्दी में किया गया था और यह अपनी समृद्ध वास्तुकला और संस्कृति के लिए जाना जाता है।
तपोवन मंदिर वडोदरा – Tapovan Temple Vadodara
तपोवन मंदिर वडोदरा का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह मंदिर उत्तर और दक्षिण भारतीय डिज़ाइन के संयोजन वाला नक्काशीदार और पेंट किया गया पूजा स्थल है। मंदिर 1960 में श्री अरबिंदो आश्रम द्वारा बनाया गया था। मंदिर में भगवान शिव, देवी दुर्गा, भगवान विष्णु, और अन्य हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर हैं। मंदिर का परिसर सुंदर बगीचों और उद्यानों से घिरा हुआ है। मंदिर में एक पुस्तकालय भी है जिसमें श्री अरबिंदो और द मदर की रचनाओं का एक बड़ा संग्रह है।
मीर नवाब शाह सैयद कुतुबुद्दीन मकबरा – Meer Nawab Shah Saiyed Qutubuddin Tomb
मीर नवाब शाह सैयद कुतुबुद्दीन मकबरा वडोदरा का एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह मकबरा 16वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह अकबर के बेटे और उत्तराधिकारी सलीम के शिक्षक कुतुबुद्दीन मुहम्मद खान की कब्र है। मकबरा सफेद संगमरमर से बना है और इसमें कई सुंदर नक्काशी और मूर्तियां हैं। मकबरे के चारों ओर एक बगीचा है जो इसे और भी सुंदर बनाता है।
FAQ (वडोदरा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) :-
वडोदरा कहाँ है?
वडोदरा, जिसे बड़ौदा भी कहा जाता है, भारत के गुजरात राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर राज्य के मध्य भाग में स्थित है, और यह एक प्रमुख औद्योगिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्र है।
वडोदरा जाने का सबसे अच्छा समय?
वडोदरा जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस समय मौसम सुहावना होता है और बारिश का मौसम नहीं होता है।
वडोदरा कैसे पहुंचे?
वडोदरा हवाई, रेल, और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग से: वडोदरा का निकटतम हवाई अड्डा वडोदरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- रेल मार्ग से: वडोदरा का निकटतम रेलवे स्टेशन वडोदरा रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र में स्थित है।
- सड़क मार्ग से: वडोदरा राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्थित है। शहर कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
वडोदरा में घूमने के लिए क्या है?
वडोदरा, गुजरात का एक प्रमुख शहर है जो अपनी समृद्ध इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। वडोदरा में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें शामिल हैं: लक्ष्मी विलास पैलेस, सुरसागर झील, सयाजी बाग, चम्पानेर, श्री अरबिंदो आश्रम, वी.एस. म्युज़ियम, इत्यादि|
वडोदरा में घूमने का खर्चा?
वडोदरा में घूमने का खर्चा आपकी रुचियों और बजट पर निर्भर करता है। एक अनुमान के अनुसार, वडोदरा में तीन दिनों के लिए घूमने का खर्च लगभग ₹10,000 से ₹15,000 होगा। अगर आप सस्ते में घूमना चाहते हैं, तो आप बस या ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं और स्थानीय भोजन खा सकते हैं। अगर आप आराम से घूमना चाहते हैं, तो आप टैक्सी या कार किराए पर ले सकते हैं और रेस्तरां में खा सकते हैं।
निष्कर्ष (Discloser):
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को वडोदरा में घूमने की जगह (vadodara me Ghumne ki Jagah) (tourist places in vadodara) से सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी है और यह जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। आपके इस बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद |
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